साढ़े चार दशक के बाद भारत-चीन सीमा पर हुई गोलीबारी से तनाव बढ़ा

नई दिल्ली – साढ़े चार दशक के बाद पहली बार भारत-चीन की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी हुई। लेकिन, पहली गोली किसने चलाई, इस मुद्दे पर भारत और चीन की सेनाएं एक दूसरे के खिलाफ़ आरोप लगा रही हैं। लद्दाख के पैन्गॉन्ग त्सो के दक्षिणी ओर स्थित ‘रेजांग ला’ पहाड़ी पर कब्ज़ा करने के लिए पहुँचे चीनी सैनिकों ने गोलीबारी की और दोनों देशों के समझौते का उल्लंघन किया, यह बयान भारतीय सेना ने किया है। तभी चीन की सेना ने भारतीय सैनिकों ने चीन की सीमा में प्रवेश करके ‘वॉर्निंग शॉट्स फायर’ करने का दावा करके बखेड़ा खड़ा किया है। लेकिन, असल में चीन के सौनिक हाथ में लोहे की सलाखें लेकर ‘रेजांग ला’ में गलवान हमले की घटना दोहराने की तैयारी में पहुँचे थे। लेकिन, भारतीय सैनिकों ने उनकी साज़िश नाकाम कर दी, यह बात माध्यमों में प्रसिद्ध हुई है।

India-china-soldierपैन्गॉन्ग त्सो के दक्षिणी ओर रणनीतिक नज़रिए से काफी अहम साबित होनेवाले पहाड़ियों पर भारतीय सेना ने तैनाती की है। इसकी वजह से भारतीय सीमा में घुसपैठ करना चीनी सेना के लिए मुश्‍किल हुआ है। अगले दौर में दोनों देशों के सैनिकों का इस क्षेत्र में संघर्ष हुआ तो इन पहाड़ियों पर तैनात भारतीय सैनिकों से चीन को बड़ी मार खानी पड़ सकती है। इस बात का अहसास हुए चीन ने सोमवार के दिन ‘रेजांग ला’ पर कब्ज़ा करने के लिए गलवान की पृष्ठभूमि पर कायराना हमला करने की कोशिश की। लोहे की सलाखें, नुकिली तारों के हथियार लेकर पूरी तैयारी से पहुँचे चीनी सैनिकों के फोटो भारतीय वृत्तसंस्थाओं ने जारी किए हैं। भारतीय सैनिक ‘रेजांग ला’ से पीछे हटें, इसके लिए चीन ने गोलीबारी भी की। लेकिन, भारतीय सैनिकों के निर्धार के सामने चीन के सैनिकों का कुछ नहीं चला और उन्हें वहां से पीछे हटना पड़ना। बीते कुछ दिनों में चीन के सैनिकों को इस तरह से पीछे हटने की नामुष्की का सामना काफी बार करना पड़ा है।

लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों के सामने लगातार पीछे हटने के लिए मज़बूर होने के दौरान प्रचार युद्ध में हम कहीं पर भी कम ना पडें, इसका ध्यान चीन पूरी तरह से रख रहा है। भारतीय सैनिकों ने चीन की सीमा में प्रवेश किया और हवा में गोलिबारी करके अपने सैनिकों को उकसाया है, ऐसा आरोप चीन ने किया है। यह हरकत उकसानेवाली है और दोनों देशों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन होने की आलोचना चीन ने की है। साथ ही चीन की सेना ने इस दौरान संयम रखने से स्थिति नियंत्रण में रही, ऐसा कहकर चीनी सेना ने अपनी ही पीठ थपथपाई। लेकिन, इस संघर्ष में भारतीय सैनिकों के मुकाबले चीन के सैनिकों को लगातार पीछे हटना पड़ रहा है, इससे चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग गुस्सा हुए हैं, ऐसे दावे भी हो रहे हैं। काफी ताकतवर सेना की पहचान वाली चीन की ‘पीएलए’ का विश्‍व में बड़ा नाम था। लेकिन, ‘पीएलए’ की इस प्रतिमा को लद्दाख में शुरू हुए संघर्ष के बाद बड़ा झटका लगा है। इसी वजह से चीन के राष्ट्राध्यक्ष काफी गुस्सा हुए हैं और इससे ‘पीएलए’ के वरिष्ठ अधिकारियों को झटका लगेगा, ऐसा समाचार है।

ठंड़ का मौसम काफी करीब होने से चीन के सैनिकों को लद्दाख से पीछे हटना पडेगा, वरना वहां पर चीन को बड़ा नुकसान भुगतना पड़ेगा, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है। ऐसे में वापसी करने से पहले एक हमला करके बड़ी कामयाबी प्राप्त करने का भ्रम निर्माण करना अब चीन की बड़ी ज़रूरत बनी है। इसके लिए चीन संभव हो ऐसी हर कोशिश कर रहा है, लेकिन ४५ वर्ष के बाद पहली बार भारत-चीन की नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी हुई है और अब वहां की मुठभेड़ भयंकर युद्ध में तब्दील हो सकती है, ऐसी कड़ी संभावना भी सामने आ रही है। भारत ने चीन के साथ युद्ध करने के लिए तैयार रहना होगा, यह तैयारी नहीं दिखाई तो चीन अगले दिनों में भारत को अधिकाधिक परेशान करता रहेगा और ताकतवर भारत का निर्माण का सपना साकार नहीं होगा, यह बात भारत के पूर्व लष्करी अधिकारी कह रहे हैं।

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