चीन के ऐप्स पर भारत की पाबंदी नियमों का उल्लंघन करनेवाली – चीन के दूतावास के प्रवक्ता का दावा

नई दिल्ली – भारत ने चीन के ४३ नए ऐप्स पर पाबंदी लगाने का निर्णय करने के बाद चीन को अंतरराष्ट्रीय व्यापारी नियमों की याद आई है। भारत ने लगाई पाबंदी विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों का उल्लंघन करनेवाली है, ऐसा चीन का कहना है। भारत में स्थित चीन के दूतावास की प्रवक्ता जी रोंग ने भारत ‘डब्ल्यूटीओ’ के नियमों का पालन करे, यह आवाहन भी किया है। आज तक सभी व्यापारी नियम और कानून को नज़रअंदाज़ करके भारत को व्यापारी सहुलियत प्रदान करने से इन्कार कर रहे चीन ने किए यह दावे हास्यकारक साबित हो रहे हैं।

chinese-appsभारत राष्ट्रीय सुरक्षा का कारण आगे करके चीन के ऐप्स पर पाबंदी लगा रहा है। भारत ऐसा ना करे और ‘डब्ल्यूटीओ’ के नियमों का पालन करे एवं यह पाबंदी हटाए, यह आवाहन जी रोंग ने किया है। इसके अलावा चीन समेत सभी देशों को व्यापार के उचित अवसर प्रदान करके भारत ‘डब्ल्यूटीओ’ के नियमों का पालन करेगा, यह हमारी उम्मीद है, ऐसा बयान भी रोंग ने किया है। साथ ही चीन के ऐप्स से भारत की सुरक्षा को खतरा नहीं है, यह बात रोंग ने स्पष्ट की है। भारत और चीन का व्यापार एक-दूसरे को बड़े अवसर प्रदान करनेवाला है और इस कारोबार से दोनों देशों को लाभ होगा, यह दावा भी रोंग ने किया है।

भारत और चीन के व्यापारी संबंध पहले जैसे हों, यह माँग भी रोंग ने इस दौरान रखी। असल में भारत और चीन के द्विपक्षीय व्यापार में चीन काफी बड़ा लाभ उठाता रहा है। भारत के बड़े बाज़ार का लाभ उठाकर चीन ने प्रति वर्ष अरबों डॉलर्स की आय प्राप्त की है। लेकिन, भारत के कृषि, दवाईयां एवं आयटी क्षेत्र के लिए अपने देश में अवसर प्रदान करने से चीन ने हमेशा इन्कार किया था। इस वजह से भारत और चीन के व्यापार में भारत का नुकसान बढ़ता गया। लगातार इस बात पर ध्यान आकर्षित करने के बावजूद चीन ने भारत को किसी भी तरह से व्यापारी सहुलियत प्रदान करने से इन्कार किया था।

chinese-appsलद्दाख की एलएसी पर स्थित गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला करनेवाले चीन के विरोध में भारत ने पहली बार आक्रमक कार्रवाई की। इसके अनुसार अब तक चीन के २६७ ऐप्स पर भारत ने पाबंदी लगाई है। इसके कारण चीनी कंपनियों का बड़ा नुकसान होने की बात कही जा रही है। साथ ही दिवाली में चीनी उत्पादनों से भरनेवाले भारत के बाज़ार इस वर्ष सिर्फ स्थानीय उत्पादनों से भरे थे। इससे चीन को हज़ारों करोड़ रुपयों का नुकसान होने का दावा किया जा रहा है।

भारत इस तरह अपने खिलाफ निर्णय करेगा, यह उम्मीद चीन को नहीं थी। इसी कारण भारत को ‘डब्ल्यूटीओ’ में शिकायत दर्ज़ करने की धमकियां दे रहा है और व्यापारी संबंध पहले जैसे करने के लिए चीन आवाहन कर रहा है। इन दोनों का भारत पर असर होने की बिल्कुल संभावना नहीं है। आनेवाले दिनों में भी भारत चीन के खिलाफ आक्रमक निर्णय करने की कड़ी संभावना है।

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