अमरिकी डॉलर को खत्म करने के लिए चीन के पास सोने का पर्याप्त भंडार तैयार – कैनेडियन अर्थशास्त्री और विश्लेषक का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

बीजिंग/वॉशिंग्टन – चीन का सोने का आरक्षित भंडार लगभग २० हजार टन के आस पास है और उसके जोर पर चीन अमरीकी डॉलर्स के वर्चस्व को तोड़ देगा, ऐसा दावा कैनेडियन अर्थशास्त्री और विश्लेषकों ने किया है। अमरिका के साथ के व्यापार युद्ध में वर्तमान में चीन को झटके लग रहे हैं और अमरिका पर मात करने के लिए चीन यह आक्रामक कदम उठा सकता है, ऐसा कैनेडियन विश्लेषक एलेस्दर मक्लिऑर्ड ने कहा है। पिछले महीने में ही चीन छिपकर सोने के आरक्षित भंडार में बढ़ोत्तरी कर रहा है, ऐसा विश्लेषकों ने दावा किया था।

पिछले महीने भर के अवधि में चीन की अर्थव्यवस्था के बारे में लगातार नकारात्मक जानकारी सामने आ रही है। साल की दूसरी आर्थिक तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था धीमी हो गई है और निर्यात, निवेश, औद्योगिक उत्पादन, अंतर्गत माँग इन सभी क्षेत्रों में गिरावट हुई है। अर्थव्यवस्था को लगने वाले इन झटकों के पीछे अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने छेड़ा हुआ व्यापार युद्ध जिम्मेदार है, ऐसा माना जा रहा है। चीन ने इस व्यापार युद्ध में ‘जैसे को तैसा’ प्रत्युत्तर देने का दावा किया है लेकिन उससे अमरिका की अर्थव्यवस्था को फर्क नहीं पड़ा है, ऐसा दिखाई दिया है। इस वजह से अमरीका को झटका देने के लिए चीन की तरफ से विविध विकल्पों पर चर्चा शुरू है, ऐसा कहा जा रहा है।

सोने के व्यापार की अग्रणी कंपनी ‘गोल्डमनी’ में संशोधन विभाग के प्रमुख अर्थशास्त्री एलेस्दर मक्लीऑर्ड ने, चीन के सामने के विकल्पों में अमरिकी डॉलर को झटका देने का विकल्प होगा, ऐसी चेतावनी दी है। चीन की तरफ से पिछले दशक से अधिक समय तक अमरिकी डॉलर को चुनौती देने के दृष्टिकोण से कोशिशें शुरू हैं। सन २००८ – ०९ में अमरिका के साथ साथ पूरी दुनिया में आई मंदी के बाद इन यह कोशिशें अधिक गतिमान हुई हैं।

चीन आशिया क्षेत्र में अमरिकी डॉलर का वर्चस्व पूरी तरह से ख़त्म कर सकता है और चीन के पास वह क्षमता है, ऐसा दावा मक्लिऑर्ड ने रशिया टुडे को दिए साक्षात्कार में किया है। अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए चीन सोने की सहायता लेगा। अपनी मुद्रा युआन को मजबूत बनाने के लिए चीन पिछले कई वर्षों से छिपकर सोने के आरक्षित भंडार को बढ़ा रहा है। चीन ने अधिकृत स्तर पर १,८४३ टन सोना होने का घोषणा की है, लेकिन वास्तव में चीन के पास भंडार ज्यादा है। चीन का सोने का आरक्षित भंडार लगभग २० हजार टन होगा’, ऐसा दावा कैनेडियन अर्थशास्त्री ने किया है।

अपने इस सोने के भंडार के बल पर चीन ने युआन में व्यवहार शुरू किया तो अमरिकी डॉलर को ख़त्म कर सकता है, ऐसा मक्लिऑर्ड ने अपने दावे में कहा है। पिछले कुछ वर्षों में चीन ने युआन का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल अधिक बढाने के लिए योजनाबढ कदम उठाए हैं। कुछ सालों पहले सोने के व्यवहारों के लिए शुरू किए ‘एक्सचेंज’ और इस साल मार्च महीने में इंधन के व्यवहारों के लिए शुरू किए ‘बेंचमार्क’ की यह कोशिश ध्यान आकर्षित करने वाली साबित हुई है। इस वजह से इंधन और सोना इन दो प्रमुख घटकों में व्यवहारों पर कुछ मात्रा में नियंत्रण पाने में चीन सफल साबित हुआ है और उसमें से युआन का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रतिशत बढती जा रही है, यह भी सामने आया है।

चीन का मित्र देश रशिया ने भी अमरिकी डॉलर को विकल्प देने के लिए डॉलर में निवेश कम करके सोने में निवेश बढ़ाया है। पिछले महीने में प्रसिद्ध हुई जानकारी के अनुसार रशिया का सोने का आरक्षित भंडार लगभग १,९१० टन के पास पहुंचा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.