गाझापट्टी में रॉकेट्स के हमले के बाद इस्राइल के जोरदार हवाई हमले

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जेरुसलेम – पिछले २४ घंटों में गाझापट्टी के आतंकवादियों ने इस्राइल के सीमा इलाके में ५७ रॉकेट हमले किए हैं। जिसमें से एक रॉकेट बल विहार के बाड़ में जा गिरा है। सन २०१४ में इस्राइल और हमास के बीच भडके संघर्ष के बाद पहली बार गाझापट्टी से एक ही दिन में इतनी बड़ी मात्रा में रॉकेट छोड़े गए हैं। इस रॉकेट हमलों से क्रोधित हुए इस्राइल ने गाझापट्टी में ३५ हवाई हमले किए हैं और हमास का भूमिगत मार्ग भी नष्ट कर दिया है।

मंगलवार सवेरे से गाझापट्टी से इस्राइल के सीमा इलाके में रॉकेट और मॉर्टर हमले शुरू हुए। रॉकेट हमले के अलावा गाझापट्टी से सीमा पर तैनात इस्राइली सैनिकों की चौकियों पर गोलीबारी होने की जानकारी सामने आ रही है। इन हमलों में कोई भी जीवितहानि नहीं हुई है। लेकिन इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने इस हमले की निर्भत्सना की है। साथ ही इस्राइल के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले ही अब उसी शांति से रॉकेट हमले कर रहे हैं, ऐसा नेत्यान्याहू ने ताना मारा है।

गाझापट्टी

लेकिन इस्राइल पर किए जाने वाले इन रॉकेट हमलों को इस्राइल प्रत्युत्तर दिए बिना शांत नहीं बैठने वाला है, ऐसी चेतावनी भी उन्होंने दी है। उसके बाद अगले कुछ ही घंटों में गाझापट्टी की सीमारेखा पर सायरन बजाकर ‘आयर्न डोम’ यंत्रणा कार्यान्वित की गई। इस हमले के लिए ‘इस्लामिक जिहाद’ यह ईरान समर्थक आतंकवादी संगठन जिम्मेदार होने की जानकारी सामने आ रही है।

मंगलवार दोपहर को इस्राइली लड़ाकू विमानों ने हमास और इस्लामिक जिहाद के ३५ ठिकानों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में इस आतंकवादी संगठन के अड्डे, प्रशिक्षण केंद्र, हथियारों के गोदाम भूमिगत मार्ग भी नष्ट कर दिए गए हैं, ऐसा दावा इस्राइली लष्कर ने किया है।

ईरान के बारे में चर्चा करने के लिए इस्राइल के रक्षा मंत्री रशिया के दौरे पर

जेरुसलेम – सीरिया में ईरान की गतिविधियों पर चर्चा करने के लिए इस्राइल के रक्षामंत्री ‘एविग्दोर लिबरमन’ आने वाले कुछ घंटों में रशिया में दाखिल हो रहे हैं। लिबरमन रशियन रक्षामंत्री ‘सर्जेई शोईगू’ से मिलकर ईरान के मुद्दे पर चर्चा करने वाले हैं। इस्राइल की सीमा से विदेशी सैनिकों को पीछे हटाने के मामले में रशिया ने की घोषणा के बाद लिबरमन के इस रशिया दौरे का महत्व बढ़ गया है।

रशिया के दौरे पर रवाना होने से पहले लिबरमन ने सीरिया में ईरानी सेना की तैनाती के बारे में इस्राइल की भूमिका स्पष्ट की है। सीरिया के किसी भी इलाके में ईरान का लष्कर नहीं चाहिए, यह सिर्फ इस्राइल की ही भूमिका नहीं है बल्कि खाड़ी और इस क्षेत्र के दूसरी ओर स्थित हर देश की भूमिका है। इसपर चर्चा करने के लिए वह रशियन रक्षामंत्री से मिलने वाले हैं, ऐसा लिबरमन ने स्पष्ट किया है।

दौरान, सीरिया में ईरान के लगभग १०००० सैनिक तैनात हैं और इसमें रिव्होल्युशनरी गार्ड्स और कुद्स फोर्सेस के सैनिकों का समावेश है। इसके अलावा ईरान समर्थक हिजबुल्लाह, इराक, अफगानिस्तान के छोटे संगठन के करीब ४०००० जवान ईरान के नेतृत्व में सीरिया में संघर्ष कर रहे हैं।

 

 

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