क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद के दौरे में जॉर्डन और तुर्की से समझौते

अम्मान/अंकारा – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष खाड़ी देशों के दौरे पर पहुँचने से पहले सौदी अरब ने मित्रदेशों के साथ तनाव कम करने की तैयारी की है। इसके लिए सौदी के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान जॉर्डन और तुर्की की यात्रा करेंगे, ऐसा दावा माध्यम कर रहे हैं।

क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने सोमवार को इजिप्ट से अपने इस दौरे की शुरूआत की। इस दौरे में दोनों देशों ने ७.७ अरब डॉलर्स के १४ समझौते किए। इसके बाद प्रिन्स मोहम्मद मंगलवार को जॉर्डन पहुँचे। पिछले कुछ सालों से सौदी और जॉर्डन के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ था। इस पृष्ठभूमि पर प्रिन्स मोहम्मद के इस दौरे को बड़ी अहमियत प्राप्त हुई थी।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में अमरीका और सौदी का सहयोग मज़बूत हुआ था। इस वजह से खाड़ी में अमरीका का करीबी सहयोगी देश जॉर्डन नाराज़ था। ऐसे में लगभग एक साल पहले राजा अब्दुल्लाह द्वितीय के सौतेले भाई प्रिन्स हमझा के विद्रोह की साज़िश की खबरें प्राप्त हुई थी। इसके बाद कुछ घंटे प्रिन्स हमझा को नज़रबंद किया गया था। प्रिन्स हमझा के विद्रोह के पीछे सौदी का समर्थन होने का आरोप जॉर्डन की यंत्रणाओं ने लगाया था। इस वजह से सौदी और जॉर्डन के संबंधों में तनाव बना था।

इस पृष्ठभूमि पर क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद ने जॉर्डन का दौरा करके दोनों देशों के बीच तनाव घटाने की ओर कदम बढ़ाया हुआ दिख रहा है। राजा अब्दल्लाह द्वितीय ने भी सौदी के क्राऊन प्रिन्स को जॉर्डन के सर्वोच नागरी पुरस्कार से सम्मानित किया। राजा अब्दुल्ला द्वितीय और क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान की मुलाकात में सौदी ने जॉर्डन के लिए घोषित तीन अरब डॉलर्स का निवेश जारी करने का ऐलान किया। इसके साथ ही आनेवाले समय में जॉर्डन में नए निवेश के संकेत भी सौदी ने दिए हैं।

इसी बीच, जॉर्डन दौरे के बाद सौदी के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान बुधवार को तुर्की पहुँचे। पत्रकार जमाल खाशोगी की साल २०१८ में तुर्की के इस्तंबुल में हत्या की गई थी। इसके पीछे सौदी के क्राऊन प्रिन्स के होने का आरोप लगा था। तुर्की ने इस मामले को गंभीरता से देखकर प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसका असर तुर्की-सौदी के संबंधों पर पड़ा था। इसके बाद तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने ईसाई देशों का नेतृत्व कर रहे सौदी अरब की कड़ी आलोचना की थी। सौदी और यूएई दोनों का इस्लामी देशों का नेतृत्व अपनी ओर खींचने की महत्वाकांक्षा तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने रखी थी। इस वजह से उनकी सौदी पर आलोचना की तीव्रता अधिक बढ़ी थी।

लेकिन, इस साल मार्च में तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने सौदी का दौरा करके संबंधों में सुधार लाने के लिए कदम बढ़ाएँ थे। इस पर सौदी का रिस्पान्स प्राप्त हो रहा है। तुर्की की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन को सौदी और खाड़ी देशों की सहायता की ज़रूरत है। ऐसे में ईंधन उत्पादन बढ़ाने के लिए अमरीका बना रहे दबाव पर जवाब देने के लिए सौदी को अन्य देशों की सहायता की उम्मीद है।

इसी के लिए क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने इजिप्ट, जॉर्डन और तुर्की की यात्रा करने की बात दिख रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.