प्रगत ‘डाटा सर्विलन्स सिस्टम’ के माध्यम से चीन सोशल नेटवर्किंग साईटस्‌ से जानकारी प्राप्त कर रहा है – अमरिकी अखबार का दावा

advanced-data-surveillance-system-china-us-2वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत फेसबुक एवं ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स से भारी मात्रा में जानकारी प्राप्त कर रही है, ऐसा दावा ‘द वॉशिंग्टन पोस्ट’ नामक अमरिकी अखबार ने किया। विदेशी एवं विदेश में स्थित चीन विरोधी ‘टार्गेटस्‌’ पहचानने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसा अमरिकी अखबार ने कहा। चीनी सरकार के अलग-अलग प्रकल्पों से जुड़े दस्तावेज़ों का अभ्यास एवं विश्‍लेषण करने के बाद यह बात सामने आयी है। इस जानकारी का इस्तेमाल चीनी सेना, पुलिस और अन्य सरकारी यंत्रणा कर रही है, यह भी ‘द वॉशिंग्टन पोस्ट’ ने अपनी खबर में कहा है।

चीन के सरकारी प्रसार माध्यमों ने एवं अलग अलग यंत्रणाओं ने अलग अलग सॉफ्टवेअर्स एवं प्रोग्राम्स विकसित किए हैं। एक यंत्रणा ने इस काम के लिए विकसित किए सॉफ्टवेअर्स एवं प्रोग्राम्स चीन की अन्य सरकारी यंत्रणा कर रही है। इनमें विदेशी पत्रकार एवं शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों के सोशल मीडिया पोस्ट पर ध्यान रखनेवाले सॉफ्टवेअर का भी समावेश है। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत का हिस्सा होनेवाले ‘सेंट्रल प्रोपोगंडा डिपार्टमेंट’ ने सॉफ्टवेअर एवं प्रोग्राम्स की खरीद शुरू की है।

advanced-data-surveillance-system-china-us-1चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के विरोधियों के भूमिगत नेटवर्क की तलाश करना, उस पर नज़र रखना, एवं सरकार के हितों को नुकसान पहुँचानेवाले ‘ट्रेंडस्‌’ को लेकर पहले ही चेतावनी देने जैसी बातें सोशल मीडिया की प्राप्त जानकारी से संभव होगी, यह दावा इस खबर में एक चीनी विश्‍लेषक ने किया है। चीन के ‘सेंट्रल प्रोपोगंड़ा डिपार्टमेंट’ ने विदेश में कुछ सोशल मीडिया अकाऊंटस्‌ की भी खरीद करने की बात स्पष्ट हुई है। चीनी हुकूमत ने इससे पहले देश के अंदरुनि स्तर पर जनता का विचार जानने के लिए, बदलने के लिए बड़ी मात्रा में यंत्रणा विकसित करने की बात सामने आयी थी। वर्ष १९८९ में तिआनानमेन स्क्वेअर में घटी घटना के बाद कम्युनिस्ट हुकूमत ने इस तरह की यंत्रणा का विकास शुरू किया था।

वर्ष २०१४ में चीन के एक सरकारी अखबार ने जारी किए हुए वृत्त में कहा था कि, देश में २० लाख से अधिक लोग सरकार के लिए ‘पब्लिक ओपिनियन एनालिस्ट’ के तौर पर काम कर रहे हैं। वर्ष २०१८ में एक सरकारी वृत्त संस्था ने विचार जानने के लिए एवं बदलने के लिए शुरू किए अभियान के लिए सरकार अरबों डॉलर्स खर्च कर रही है, यह दावा किया था। यही मॉडेल अबर चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत देश के बाहर चला रही है और इसके लिए ‘डाटा सर्विलन्स सिस्टम’ एवं ‘सोशल मीडिया’ का इस्तेमाल शुरू होने की बात ‘द वॉशिंग्टन पोस्ट’ ने कही है। देश के अंदरुनि स्तर पर इस्तेमाल किया गया मॉडेल चीन वैश्‍विक स्तर पर चलाता है तो यह बड़ा खतरा होता है, ऐसे दावे विश्‍लेषकों ने किए हैं।

चीनी हुकूमत के जारी इस अभियान का संज्ञान सोशल नेटवर्किंग प्लैटफॉर्म्स ने लेने के संकेत प्राप्त हुए थे। वर्ष २०२० के जून में ट्विटर ने कम्युनिस्ट हुकूमत से जुड़े २३ हज़ार अकाऊंटस्‌ बंद करने की कार्रवाई की थी।

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