चीन २०२५ में ताइवान पर हमला करेगा – ताइवान के रक्षामंत्री का इशारा

ताइवान पर हमलाताइपे/बीजिंग – ‘चीन का रक्षाबल ताइवान पर हमला करने की क्षमता आज भी रखता है। लेकिन, अब उकसाए बगैर वह हमला करने की संभावना नहीं है क्योंकि, उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन, वर्ष २०२५ तक चीन युद्ध का खर्च और इससे होनेवाले नुकसान की मात्रा निम्न स्तर पर लाएगा। इसके बाद ही चीन ताइवान पर सर्वंकष हमला करेगा’, यह इशारा ताइवान के रक्षामंत्री चिऊ कुआ-चेंग ने दिया। ताइवान के रक्षामंत्री २०२५ का इशारा दे रहे थे तभी ताइवान की सुरक्षा के लिए अगले १२ महीने बड़े अहम होंगे, यह इशारा अमरीका के पूर्व सुरक्षा सलाहकार एच.आर.मैक्‌मास्टर ने दिया है।

ताइवान पर हमलाबीते चार दिनों में चीन के तकरीबन डेढ़ सौ विमानों ने ताइवान के ‘एअर डिफेन्स आयडेंटिफिकेशन ज़ोन’ (एडीआयज़ेड) में घुसपैठ करने की बात स्पष्ट हुई है। इस पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री चेंग ने चीन की बढ़ती आक्रामकता पर प्रतिक्रिया देते हुए सर्वंकष हमले का इशारा दिया। चेंग पूर्व सेना अधिकारी हैं और अब ताइवान के क्षेत्र में निर्माण हुआ तनाव बीते चार दशकों में सबसे गंभीर स्थिति होने का दावा भी उन्होंने किया। इसी बीच ताइवान नज़दीकी दिनों में लंबी दूरी के मिसाइलों के साथ ‘एण्टी शिप वेपन्स’ पर ध्यान देगा, यह भी रक्षामंत्री ने स्पष्ट किया।

ताइवान पर हमलाताइवान के क्षेत्र में जारी की गई आक्रामक गतिविधियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तीव्र प्रतिक्रियाँ दर्ज़ हो रही हैं। अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने चीन की गतिविधियों की आलोचना की है। अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एच.आर.मैक्‌मास्टर ने यह इशारा दिया है कि, हाँगकाँग के मुद्दे पर ज्यादा परिणाम महसूस ना होने से चीन का नेतृत्व अधिक साहस दिखा रहा है। चीन तेज़ी से रक्षा सामर्थ्य बढ़ा रहा है और अमरीका एवं सहयोगी देशों को भी अपनी तैयारी बढ़ाने पर जोर देने के लिए मजबूर कर रहा है, यह दावा भी उन्होंने किया।

वर्ष २०२२ में ऑलिम्पिक खेल और चीन की शासक कम्युस्टि पार्टी का अधिवेशन होने के बाद ताइवान को लक्ष्य करने की संभावना है। इसलिए सन २०२२ ताइवान के क्षेत्र की सुरक्षा के नज़रिये से बड़ा अहम साबित होगा’, यह इशारा पूर्व सुरक्षा सलाहकार मैक्‌मास्टर ने दिया। कई विश्‍लेषक एवं विशेषज्ञों ने भी इस बात का ज़िक्र किया है, इस ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। हडसन इन्स्टिट्यूट नामक अध्ययन मंड़ल के समारोह को संबोधित करते समय मैक्‌मास्टर ने अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के ‘ऑकस डील’ की भी सराहना की।

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