दुनिया की प्रमुख सेंट्रल बैंक एक साथ करेगी ‘डिजिटल करन्सी’ का अध्ययन – कनाडा, जापान समेत यूरोपिय देशो का भी समावेश

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरलंदन/टोकियो: क्रिप्टोकरन्सी या डिजिटल करन्सी ही आगे के समय का भविष्य होने के दावे पिछले कुछ वर्षों से लगातार हो रहे है| वैश्‍विक अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा होनेवाले सेंट्रल बैंकों ने इन दावों पर गंभीरता से विचार करना शुरू किया है| पिछले वर्ष से कई देशों की सेंट्रल बैंक ने डिजिटल करन्सी जारी करने के संकेत दिए थे| अब इसके आगे ‘डिजिटल करन्सी’ का अध्ययन करने के लिए दुनिया की कुछ प्रमुख सेंट्रल बैंक एक हुई है और इनमें कनाडा और जापान समेत यूरोप की बैंक भी शामिल है|

ब्रिटेन की सेंट्रल बैंक ‘बैंक ऑफ इंग्लंड’ ने मंगलवार के दिन जारी किए एक निवेदन में ‘डिजिटल करन्सी’ से जुडे नए गुठ का गठन करने की जानकारी साझा की| इस गुट में कनाडा, जापान, ब्रिटेन, स्वित्झर्लैंड और स्वीडन की सेंट्रल बैक समेत यूरोपियन सेंट्रल बैंक भी शामिल है| सेंट्रल बैंकों का यह गुट संबंधित देशों में ‘डिजिटल करन्सी’ का इस्तेमाल शुरू करना कैसे मुमकिन होगा, इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे और एक दुसरों के अनुभव का आदान प्रदान होगा, यह कहा जा रहा है|

बातचीत में रहे मुद्दों में संबंधित देश में दुसरे देश की ‘डिजिटल करन्सी’ का इस्तेमाल होने की संभावना, इश चलन के लिए आवश्यक तकनीक, उसकी योजना और अलग अलग आर्थिक विकल्प जैसे मुद्दे शामिल थे| ‘डिजिटल करन्सी’ के बारे में यह गुट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यवहार संभाल रहे ‘बैंक ऑफ इंटरनैशनल सेटलमेंटस्’ ‘बीआयएस’ की सहायता लेने के विचार में है| ‘बीआयएस’ एवं बैंक ऑफ इंग्लैंड के वरिष्ठ अफसर इस गुट का नेतृत्व करेंगे, यह भी स्पष्ट किया गया है|

पिछले छह महीनों में चीन, फ्रान्स और तुर्की के साथ यूरोपिय महासंघ की सेंट्रल बैंक ने डिजिटल करन्सी शुरू करने के संकेत दिए थे| ‘जागतिक बैंक’ और ‘अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश’ ने भी प्रायोगिक स्तर पर डिजिटल करन्सी शुरू करके एक दुसरे से व्यवहार करने के संकेत दिए थे| इसी लिए ‘ब्लॉकचेन’ की तकनीक का इस्तेमाल करने के साथ ही स्वतंत्र एप्लिकेशन विकसित किया गया था| चीन ने अपनी डिजिटल करन्सी के विषय में जानकारी देते समय किसी देश की सेंट्रल बैंक से जारी हो रही यह पहली ही ‘डिजिटल करन्सी’ रहेगी, यह दावा किया था|

कुछ वर्ष पहले ‘बिटकॉइन’ के स्वरूप में सामने आयी क्रिप्टोकरन्सी ने अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में बडी हलचल मचाई थी| एक ‘बिटकॉईन’ का मुल्य १० हजार डॉलर्स तक जा पहुंचा था| इस क्रिप्टोकरन्सी की सफलता देखकर प्रभावित हुई तकनीकी क्षेत्र की कई कंपनियों ने नई नई क्रिप्टोकरन्सी शुरू करने के संकेत दिए थे| जापान, दक्षिण कोरिया, अमरिका जैसे देशों में धीरे धीरे इस चलन का इस्तेमाल हो रहा है, यह भी स्पष्ट हुआ है| पर फिलहाल बिटकॉईन समेत कई क्रिप्टोकरन्सी के मुल्य की गिरावट हुई है और इसकी गडबडी के मामले भी सामने आए थे|

इस पृष्ठभूमि पर दुनिया की शीर्ष सेंट्रल बैंकों ने एक होकर ‘डिजिटल करन्सी’ व्यवहार में लाने के लिए गुट स्थापित करना ध्यान आकर्षित कर रहा है|

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