समय की करवट (भाग २५) – ‘ट्रुमन डॉक्ट्रिन’

समय की करवट (भाग २५) – ‘ट्रुमन डॉक्ट्रिन’

हम १९९० के दशक के, पूर्व एवं पश्चिम जर्मनियों के एकत्रीकरण के बाद, बुज़ुर्ग अमरिकी राजनयिक हेन्री किसिंजर ने जो यह निम्नलिखित वक्तव्य किया, उसके आधार पर दुनिया की गतिविधियों का अध्ययन कर रहे हैं। ‘यह दोनों जर्मनियों का पुनः एक  हो जाना, यह युरोपीय महासंघ के माध्यम से युरोप एक होने से भी अधिक […]

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समय की करवट (भाग २४) – युरोपियन कोल अँड स्टील कम्युनिटी

समय की करवट (भाग २४) – युरोपियन कोल अँड स्टील कम्युनिटी

‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। हम १९९० के दशक के, पूर्व एवं पश्चिम जर्मनियों के एकत्रीकरण के बाद, बुज़ुर्ग अमरिकी राजनयिक हेन्री किसिंजर ने जो यह निम्नलिखित वक्तव्य किया, उसके आधार पर दुनिया की गतिविधियों का अध्ययन कर रहे हैं। ‘यह दोनों […]

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समय की करवट (भाग २३) – युरोपीय महा‘संघ’

समय की करवट (भाग २३) –  युरोपीय महा‘संघ’

‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। आज से हम पिछले लेख में बताये गये हेन्री किसिंजर के वक्तव्य के आधार पर दुनिया की गतिविधियों पर थोड़ा ग़ौर करते हैं। ‘यह दोनों जर्मनियों का पुनः एक  हो जाना, यह युरोपीय महासंघ के माध्यम से […]

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समय की करवट (भाग २२)- ‘अनुशासनबद्ध समूह’ संकल्पना का ‘ग्लोबलायजेशन’

समय की करवट (भाग २२)- ‘अनुशासनबद्ध समूह’ संकल्पना का ‘ग्लोबलायजेशन’

‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। इस अध्ययन में हमने भारत में हुए कई स्थित्यंतरों के बारे में संक्षेप में जान लिया। अब आज से हम भारत के अलावा अन्य देशों में हुए स्थित्यंतरों का संक्षेप में अध्ययन करनेवाले हैं। हाल ही में […]

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समय की करवट (भाग २१)- अच्छी समूहप्रवृत्ति

समय की करवट (भाग २१)- अच्छी समूहप्रवृत्ति

‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। आज हम झुँड़ मानसिकता (हर्ड मेंटॅलिटी) के एक और पहलू का अध्यय यन करनेवाले हैं। एक जगह से दूसरी जगह निकले प्राणियों के झुँड़ का अध्ययन करते समय वैज्ञानिकों के ध्यान में यह बात आ गयी कि […]

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समय की करवट (भाग २०)- आत्मपरीक्षण

समय की करवट  (भाग २०)- आत्मपरीक्षण

‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं| आगे चलने से पहले आज थोड़ा रुककर इस लेखमालिका में आज तक हमने किन बातों का अध्ययन किया, वह देखते हैं| जिस ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ के माध्यम से अँग्रेज़ों ने व्यापार के बहाने भारत में चंचुप्रवेश करके, […]

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समय की करवट भाग १९- हम कब होंगे….क़ामयाब?

समय की करवट भाग १९- हम कब होंगे….क़ामयाब?

‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। किसी देश के लिए, समाज के लिए ‘समय की करवट’ बदलने में, उस देश के लोग कितनी एकता की भावना से पेश आते हैं, इसका अहम हिस्सा होता है और यह बात केवल देश के लिए ही […]

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समय की करवट भाग १८- क्या वाक़ई ऐसा हो सकता है?

समय की करवट भाग १८- क्या वाक़ई ऐसा हो सकता है?

‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। समय की करवट अनिष्ट दिशा में बदलने में महत्त्वपूर्ण सहभाग रहनेवाली यह झुँड़ की मनोवृत्ति अपने बचपन से की कैसे तैयार होती है, यह भी हमने पीछली बार, एक स्कूल के छात्रों के उदाहरण के ज़रिये देखा। […]

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समय की करवट (भाग १७)- पुन: वही पुराना राग…

समय की करवट (भाग १७)- पुन: वही पुराना राग…

‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। जब किसी देश का समाज एक स्वयं-अनुशासनबद्ध समूह के रूप में आचरण न करते हुए, प्राणियों के किसी झुँड़ की तरह बर्ताव करने लगता है, तब उस देश के लिए ‘समय की करवट’ अनिष्ट दिशा में बदलने […]

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समय की करवट (भाग १६)- ‘हर्ड मेंटॅलिटी’ : झुँड़ का मानसशास्त्र

समय की करवट (भाग १६)- ‘हर्ड मेंटॅलिटी’ : झुँड़ का मानसशास्त्र

‘समय की करवट’ बदलने पर क्या स्थित्यंतर होते हैं, इसका अध्ययन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। यह समय की करवट कई बार सैंकड़ों-हज़ारों सालों के बाद बदलती होने के कारण और सैंकड़ों-हज़ारों सालों तक वह स्थिति क़ायम रहती होने के कारण (और स्वाभाविक रूप में, उसके नाम में रहनेवाले ‘समय’ इस शब्द के […]

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