समय की करवट (भाग ५) – माय भारत इज द बेस्ट!

समय की करवट (भाग ५) – माय भारत इज द बेस्ट!

समय जब करवट बदलता है, तब घटित होनेवाले स्थित्यंतर, हम हमारे देश के विषय में देखते जा रहे हैं। सबसे अहम बात, हमारा देश यह शहरी ‘इंडिया’ और ग्रामीण ‘भारत’ इन दो भागों में किस तरह विभाजित होता जा रहा है और यह बात किस तरह, भारत के महासत्ता बनने के आड़े आ रही है, […]

Read More »

समय की करवट (भाग ४) – ‘हरी पुत्तर’

समय की करवट (भाग ४) – ‘हरी पुत्तर’

हमारे देश पर डेढ़सौ साल शासन करते हुए अँग्रेज़ों ने जो फूट के बीज हमारे बीच बोये थे, उनका, अँग्रेज़ यहाँ से चले जाने तक वृक्ष बन चुका था।इसीलिए हमारे देश को बँटवारे का दुख सहना पड़ा। अब आज़ादी पाकर साठ से भी अधिक साल बीत चुके हैं। लेकिन वह बँटवारा बहुत ही छोटा प्रतीत […]

Read More »

समय की करवट (भाग ३) – पुनः ‘इंडिया’

समय की करवट (भाग ३) – पुनः ‘इंडिया’

समय करवट बदलते समय दुनिया में, ख़ासकर भारत में क्या स्थित्यन्तर हो रहे हैं, यह हम देख रहे हैं। हमारा देश ‘इंडिया’ बनाम ‘भारत’ इनमें कैसे विभाजित हुआ है, यह जानने की हम कोशिश कर रहे हैं। खुली हवा में रपट करने की अपेक्षा नेट पर के ‘फ़ार्मव्हिले’ में अपना जी रिझानेवाली, वक़्त आने पर […]

Read More »

समय की करवट (भाग २) – ‘इंडिया’ या ‘भारत’?

समय की करवट (भाग २) – ‘इंडिया’ या ‘भारत’?

….तो समय करवट बदल रहा है! खूब….बहुत खूब! इस सारे घटनाक्रम में डेढ़सौ वर्ष की गुलामी और पच्चास-साठ वर्ष की गरीबी सहन करनेवाला भारत, समय की करवट के नीचे से मुक्त होते हुए दिखायी दे रहा है। यह हुई ‘मॅक्रो लेव्हल’। लेकिन ‘मायक्रो लेव्हल’ का क्या? जैसे कहावत है – ‘दूर के ढोल सुहावने’ (‘दुरून […]

Read More »

समय की करवट (भाग १)

समय की करवट (भाग १)

नींद में हम कई बार करवटें बदलते हैं। कई बार किसी कारणवश यदि नींद न आ रही हो, तो करवटें बदलते हुए सारी रात निकल जाती है, मगर नींद तो आती ही नहीं। इसी पर आधारित एक वाक्प्रचार भी हमने कई बार कथाओं-उपन्यासों में पढ़ा होगा – ‘समय ने करवट बदली’। समाजजीवन में, वैश्विक/राष्ट्रीय स्तर […]

Read More »
1 7 8 9