यकायक शुरू होनेवाले संघर्ष का सामना करने के लिए सरहदी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली – ‘वर्तमान के अनिश्‍चितता के दौर में यकायक संघर्ष शुरू हो सकता है, इसके मद्देनजर भारत ने अपनी सरहदी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास प्रकल्पों को अधिक गतिमान किया है। इस वजह से देश विरोधी हरकतें करने वाले शत्रुओं को जोरदार प्रत्युत्तर देने की सेनाबलों की क्षमता प्रचंड़ मात्रा में बढ़ी। आवश्‍यक बुनियादी सुविधाओं का विकास नहीं हुआ होता तो उत्तरी ओर की सीमा पर देश के खिलाफ गतिविधियों पर सख्त प्रत्युत्तर देना कठिन हुआ होता’, ऐसा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है। गलवान की घाटी में चीन के साथ हुए संघर्ष का सीधे ज़िक्र करना टालकर रक्षामंत्री ने यहां की बुनियादी सुविधाओं की अहमियत रेखांकित की हुई दिख रही है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंहदेश के सरहदी इलाकों में २७ सड़कों एवं पुलों के वर्चुअल उद्घाटन समारोह में रक्षामंत्री बोल रहे थे। इनमें लद्दाख के दक्षिणी ओर के ‘उम्लिंग-ला’ में निर्माण किए गए १९ हज़ार फीट उंचे रास्ते का समावेश है। इसके साथ ही सिक्कीम के फ्लैग हिल डोकाला रोड़ जाने के लिए पुल का निर्माण किया गया है और इससे डोकलाम के करीब जाने के लिए लगनेवाला समय आधे से कम हुआ है। वर्ष २०१७ में भूटान की सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश करनेवाले चीन को डोकलाम के सरहदी इलाके में ही रोका गया था। इस पृष्ठभूमि पर डोकलाम की ओर जानेवाले इस विकल्पी मार्ग की अहमियत बढ़ी है और इस पुल की वजह से यह मार्ग अधिक आसान हुआ है।

इस दौरान बोलते समय रक्षामंत्री ने सरहदी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं को काफी बड़ी रणनीतिक अहमियत प्राप्त होने की ओर ध्यान आकर्षित किया। लद्दाख के ‘एलएसी’ पर स्थित गलवान घाटी में चीन की सेना से हुए संघर्ष में भारतीय फौज ने जोरदार कारनामा किया था। इस क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया गया था जिसकी वजह से भारतीय फौज के लिए चीन को सख्त प्रत्युत्तर देने में आसानी हुई, इस का अहसास रक्षामंत्री ने कराया।

मौजूदा अनिश्‍चितता के दौरा में यकायक होनेवाले संघर्ष के लिए तैयार रहना आवश्‍यक है। इसके लिए सरहदी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विकास अहमियत रखता है। इससे सेना की क्षमता अधिक बढ़ती है। साथ ही सरहदी क्षेत्र की जनता भी बुनियादी सुविधाओं की वजह से देश से अधिक मज़बूती से जुड़ती है। इससे देश के आर्थिक विकास में शामिल होने का अवसर सरहदी क्षेत्र की जनता को प्राप्त होता है, इस पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ध्यान आकर्षित किया। इसी बीच, सरहदी क्षेत्र से होनेवाली घुसपैठ, हमले, अवैध व्यापार और तस्कर देश के सामने खड़ी समस्याएं हैं और इन्हें रोकने के लिए सीमा पर पहरा बढ़ाने की जरुरत है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने ‘कॉम्प्रिहेन्सिव इंटिग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम-सीआईबएमएस’ शुरू किया, यह जानकारी रक्षामंत्री ने प्रदान की।

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