भारत-बांगलादेश के रक्षा संबंधी सहयोग काफी अहमियत रखते हैं – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली – बांगलादेश के ‘सशस्त्र वाहिनी दिवस’ के अवसर पर राजनीतिक शिष्टाचार अलग रखकर भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार के दिन नई दिल्ली में स्थित बांगलादेश के उच्चायुक्तालय में आयोजित समारोह में शामिल हुए| भारत के रक्षाबलप्रमुख एवं तीनों रक्षाबलों के प्रमुख इस समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ शामिल हुए| भारत और बांगलादेश के रक्षाबलों का सहयोग दोनों देशों के लिए काफी संवेदनशील मुद्दा है, ऐसा कहकर रक्षामंत्री ने इस सहयोग की अहमियत रेखांकित की|

भारत-बांगलादेश२१ नवंबर, १९७१ के दिन बांगलादेश के आज़ादी संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना और बांगलादेश मुक्ति वाहिनी की गरीबपुर में जोरदार मुठभेड़ हुई| वहीं से बांगलादेश के स्वतंत्रता संग्राम को गति प्राप्त हुई और आगे १६ दिसंबर के दिन इस युद्ध में पाकिस्तान पूरी तरह से हार गया| इसी लिए २१ नवंबर का दिन बांगलादेश ‘सशस्त्र वाहिनी दिन’ के तौर पर मनाता है| इस वर्ष बांगलादेश की स्वतंत्रता के ५० वर्ष पूरे हो रहे हैं और इसी कारण इस वर्ष ‘सशस्त्र वाहिनी दिन’ की अहमियत भी बढ़ी है| यह अवसर साधकर भारत के रक्षामंत्री नई दिल्ली में बांगलादेश के उच्चायुक्तालय में आयोजित समारोह में उपस्थित हुए|

बांगलादेश की आज़ादी के बाद अब तक भारत के रक्षाबलप्रमुख एवं तीनों रक्षाबलों के प्रमुख इस तरह से ‘सशस्त्र वाहिनी दिन’ के समारोह में उपस्थित नहीं रहे थे| इसी कारण वर्तमान वर्ष की बात ध्यान आकर्षित करती है, यह दावा माध्यम कर रहे हैं| इस दौरान भारत और बांगलादेश के सहयोग की अहमियत रेखांकित करके रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भविष्य में भी भारत बांगलादेश के साथ सहयोग बढ़ाता रहेगा, यह वादा किया| ‘भारत अपने पड़ोसी देशों की सुरक्षा के प्रति तत्पर रहने वाला देश है| पड़ोसी देशों की सुरक्षा और उनके विकास के प्रति भारत काफी संवेदनशील है| भारत और बांगलादेश कंधे से कंधा मिलाकर आतंकवाद, चरमपंथ के अलावा गरिबी और भूखमरी जैसी चुनौतियों का मुकाबला कर रहे हैं’, यह राजनाथ सिंह ने कहा|

बांगलादेश की आज़ादी का युद्ध २० वीं सदी की असामान्य घटना है क्योंकि, यह युद्ध अन्याय, अत्याचार और दमन के खिलाफ नैतिकता का संघर्ष था| इस युद्ध में भारत ने बांगलादेश को प्रदान की हुई सहायता का स्मरण बांगलादेश के रक्षाबलों में शामिल युवकों को करना अहम होता है। इससे उन्हें नई प्रेरणा मिलेगी, ऐसा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा| साथ ही भारत फिलहाल बांगलादेश को प्रदान कर रही सहायता की जानकारी भी रक्षामंत्री ने इस दौरान साझा की| बांगलादेश के रक्षा क्षेत्र के लिए भारत ने तकरीबन ५० करोड़ डॉलर्स कर्ज़ दिया है| इसके तहत बांगलादेश भारत से रक्षा सामान एवं हथियार खरीद कर पाएगा| इस राशि का इस्तेमाल करके बांगलादेश भारत के साथ हथियार और रक्षा सामान का संयुक्त निर्माण एवं विकास करने में भी शामिल हो सकता है, ऐसा राजनाथ सिंह ने कहा है|

चीन और तुर्की जैसे देश बांगलादेश के साथ रक्षा संबंधी सहयोग स्थापित करने की उत्सुकता दिखा रहे हैं| बांगलादेश का भारत के खिलाफ रणनीतिक इस्तेमाल करने की तैयारी जुटाकर चीन ने बांगलादेश में प्रचंड़ मात्रा में निवेश शुरू किया था| इस पृष्ठभूमि पर बांगलादेश के साथ सहयोग वर्तमान में भी भारत के लिए बड़ी रणनीतिक बात बनती है| रक्षामंत्री ने राजनीतिक शिष्टाचार का विचार किए बिना बांगलादेश के उच्चायुक्तालय में आयोजित समारोह में शामिल होकर दोनों देशों का सहयोग बढ़ाने के लिए की हुई कोशिश के तौर पर ध्यान आकर्षित करता है|

६ दिसंबर, १९७१ के दिन भारत ने बांगलादेश को स्वीकृति प्रदान की थी और हर वर्ष ६ दिसंबर का दिन भारत-बांगलादेश मित्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है| इस वर्ष यह मित्रता दिवस भारत और बांगलादेश के अलावा अन्य १८ देशों में मनाया जाएगा, यह जानकारी रक्षामंत्री ने प्रदान की|

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