रक्षा सामान की तेज़ी से खरीद के लिए रक्षा बलों के आर्थिक अधिकारों में वृद्धि – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी

नई दिल्ली – चीन और पाकिस्तान की बढ़ रही चुनौतियाँ, अफ़गानिस्तान की स्थिति से होनेवाले लंबे परिणाम एवं सामने आ रही नई चुनौतियों की पृष्ठभूमि पर देश के तीनों रक्षाबलों के आर्थिक अधिकार बढ़ाने का निर्णय किया गया है। साथ ही इससे संबंधित आदेश भी मंगलवार के दिन जारी किए गए। ‘फील्ड फॉर्मेशन’ मज़बूत करना एवं युद्ध की तैयारी के नज़रिये से आवश्‍यक रक्षा सामान की खरीद गतिमान करने के लिए यह निर्णय किया गया है। खास बात तो यह है कि, वायुसेना को अपने आर्थिक अधिकार में लड़ाकू विमान और हवा में र्इंधन भरनेवाले विमान भाड़े पर लेने के अधिकार भी इस नए आदेश के तहत प्राप्त हुए हैं। इसे देश में रक्षा सुधार के नज़रिये से किए गए अहम निर्णय के तौर पर देखा जा रहा है।

रक्षा सामानमंगलवार के दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षाबलों को अतिरिक्त अधिकार प्रदान करने के लिए एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबिर सिंह, रक्षा सचिव डॉ.अजय कुमार और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ‘डेलिगेशन ऑफ फाइनान्शियल पॉवर टू डिफेन्स सर्विस’ (डीएफपीडीएस) २०२१ को मंजूरी प्रदान की। नए आर्थिक अधिकारों के तहत नौसेना और वायुसेना के फील्ड कमांडर्स को भी मौजूदा ‘आर्मी कमांड स्पेशल फाइनान्शियल पॉवर्स’ की तरह आर्थिक अधिकार प्रदान किए गए।

रक्षा बलों के उप-प्रमुख के मौजूदा अधिकार में १० प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है और इसके अनुसार तीनों रक्षा बलों के उप-प्रमुख अपने आर्थिक अधिकारों के तहत ५०० करेड़ रुपयों के रक्षा सामान की खरीद का निर्णय ले सकेंगे। रक्षा बलों के ‘कॉम्पिटंट फाइनान्शियल ऑथॉरिटी’ (सीएफए) के आर्थिक अधिकारों में दोगुनी बढ़ोतरी की गई है। साथ ही फील्ड फॉर्मेशन के आर्थिक अधिकारों में पांच से दस गुना बढ़ोतरी की गई हैं।

‘डेलिगेशन ऑफ फाइनान्शियल पॉवर टू डिफेन्स सर्विस’ (डीएफपीडीएस) २०२१ के अनुसार ‘सीएफए’ में अब सेना के उप-प्रमुख, मास्टर जनरल सस्टेनन्स अतिरिक्त महासंचालक (खरीद), महासंचालक एअर ऑपरेशन और नेवल ऑपरेशन के महासंचालक का समावेश होगा। ‘डीएफपीजीएस’ में थलसेना, नौसेना और इंटिग्रेटेड डिफेन्स स्टाफ के आर्थिक अधिकारों से संबंधित दिशानिर्देश किए गए हैं। वायुसेना को विमान और एअर टैंकर भाड़े पर लेने के लिए यह अधिकार ‘गेम चेंजर’ साबित हो सकते हैं, ऐसा भी कहा जा रहा है।

‘डीएफपीडीएस’ के तहत बढ़ाए गए आर्थिक अधिकार और नए नियम फील्ड कमांडर्स और अन्य अधिकारियों को उनकी ज़रूरतों के अनुसार रक्षा सामान तुरंत खरीदने के लिए अधिक बल प्रदान करेंगे। फील्ड फॉर्मेशन अधिक सक्षम करना ही इसका उद्देश्‍य होने का बयान राजनाथ सिंह ने किया है। युद्ध जैसे प्रसंगों में आवश्‍यक सामान की खरीद तेज़ी से हो, इसे ध्यान में रखकर फील्ड कमांडर्स को आर्थिक अधिकार प्रदान किए गए, ऐसा राजनाथ सिंह ने कहा। रक्षा सुधार के नज़रिये से सरकार ने उठाया यह कदम बड़ा अहम होने की बात भी राजनाथ सिंह ने रेखांकित की।

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