सावित्री नदी की बाढ़ में ब्रिटीशकालीन पूल बह गया; दो एसटी बस तथा चार वाहनों को जलसमाधि

महाड, दि. ३ (वृत्तसंस्था) – मुंबई-गोवा महामार्ग पर, सावित्री नदी पर बने ब्रिटीशकालीन पूल के बह जाने से मंगलवार रात को राज्य परिवहन सेवा (एसटी) की दो बसों के साथ, चार मोटरें भी बह गयी हैं| एसटी बसों में रहनेवाले अठारह यात्रियों के साथ २२ लोग बह गए हैं|

mahad_savitriबाढ़ में बहनेवाले निजी वाहनों के यात्री मिलाकर कुल ३० लोगों के डूबने की आशंका जताई जा रही है| तटरक्षक दल और नौसेना ने युद्धस्तर पर बचावकार्य हाथ में लिया है और राष्ट्रीय आपत्ती निवारण दल (एनडीआरएफ) की तीन टीमें भी बचावकार्य में शामिल हुई हैं| अब तक केवल दो शव मिले हैं, ऐसी जानकारी अधिकारियों ने दी|

पिछले कुछ दिनों से, महाबलेश्‍वर के जलविभाजन क्षेत्र में हुई भारी बारिश की वजह से, महाबलेश्‍वर से उद्गमित होनेवालीं कृष्णा, कोयना, गायत्री, वीणा और सावित्री ये नदियाँ उफान पर हैं| इन नदियों में से सावित्री नदी पर बना पूल, पानी का बहाव बढ़ने के कारण बह गया| इस दुर्घटना में दो सरकारी बसें और चार मोटरें भी, नदी के पानी की चपेट में आ गयीं| इनमें से किसी का भी अब तक पता नहीं चल पाया है|

दो बसों के चालक और वाहक मिलाकर २२ लोग बस में थे, ऐसा अंदाज़ा लगाया जा रहा है| दुर्घटना के कुछ ही समय पहले, ये बसें महाड एसटी स्थानक में कुछ पल के लिए रुकी थीं| इनमें से एक बस राज़ापूर से और दूसरी बस जयगड़ से मुंबई की ओर जा रही थी| उसीके साथ, इस दुर्घटना में कुछ निजी वाहन भी डूबे हैं| लेकिन इन मोटरों मे कितने लोग थे इसका अब तक पता नहीं चल पाया है| लेकिन लगभग ३० लोग इस दुर्घटना में डूबे हुए होने की आशंका जताई जा रही है| इसी बीच, नदी के पानी में बहनेवाले वाहनों की संख्या ज़्यादा हो सकती है, ऐसा बताया जाने के कारण, लापता यात्रियों की संख्या अधिक भी हो सकती है, ऐसा डर जताया जा रहा है|

भारी बारिश और अंधेरे की वजह से देर रात तक इस घटना का पता ही नहीं चल सका| इस पूल के बाजू में शिवकृपा ट्रान्सपोर्ट का डेपो है| संयोगवश, वहाँ पर काम कर रहे एक कर्मचारी ने, इस पूल से जानेवाले वाहन को नदी में गिरते हुए देखा| उस समय पूल तुटने की घटना का पता चला| तब इस कर्मचारी ने तुरंत स्थानिक प्रशासन को इस घटना की जानकारी दी| साथ ही, इस पूल से आवाजाही करनेवाले वाहनों को ख़तरे की सूचना देते हुए दुसरे रास्ते से भेजा गया|

तूफ़ानी बारिश की वजह से, बचाव कार्य शुरू करने में देरी हुई| तटरक्षक दल के दो चेतक हेलिकॉप्टर बुधवार सुबह आठ बजकर पंद्रह मिनट पर घटनास्थल पर दाखिल हुए| इसके बाद नौसेना ने मुहिम हाथ में ली| नौसेना ने, किसी भी प्रकार के वातावरण में उपयुक्त रहनेवाले ‘४२-सी’ इस विमान को और ‘४२-बी’ इस हेलिकॉप्टर को खोजमुहिम के लिए भेजा| साथ ही, १२ बोटें भी बचावमुहिम में शामिल हुईं| ‘एनडीआरएफ’ के तीन पथक के ११५ जवान खोजमुहिम में शामिल हुए हैं| ‘एनडीआरएफ’ द्वारा, पानी में डूब गये वाहनों को ढूँढ़ने के लिए ३०० किलो के चुंबक का इस्तेमाल किया जा रहा है|

मुंबई-गोवा मार्ग पर सावित्री नदी पर समांतर दो पूल हैं| इनमें से एक पूल ब्रिटीशकालीन था और दूसरा पूल कुछ ही साल पहले बाँधा गया था| ब्रिटीशकालीन पूल १०० साल पुराना था और उसका आयुर्मान ख़त्म हो चुका था और उसकी मरम्मत करने की ज़रूरत थी| नये पूल के निर्माण के बावजूद भी इस पुराने पूल से वाहनों की आवाजाही हो रही थी| इसलिए इस लापरवाही पर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं|

इसी दौरान, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और विरोधी पक्ष नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने बुधवार शाम को घटनास्थल पर जा कर बचावकार्य का जायज़ा लिया| साथ ही, इस दुर्घटना में जो लोग बह गये हैं, उनके रिश्तेदारों की हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया| इस घटना के बाद पुराने पूल का स्ट्रक्चरल ऑडिट किया जायेगा, ऐसा मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया| साथ ही, इस दुर्घटना की जाँच करने के आदेश दिये गए| केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंग ने महाड दुर्घटना के बारे दुख जताया है|

राज्य में विक्रमी बारिश से नदियों में बाढ

नाशिक/मुंबई/पुणे, दि. ३ (वृत्तसंस्था) – पिछले दो दिन में, राज्य में कई जगह विक्रमी बारीश दर्ज़ की गयी है| नाशिक ज़िले में पिछले ४८ घंटों में २३१ मिमी से ज़्यादा बारिश गिरी है| जुलाई और अगस्त महिनों की औसत से ज़्यादा बारिश दो दिन में हुई और गोदावरी नदी में बाढ आयी है|

नाशिक में गंगापूर बाँध भर जाने की वजह से, दो दिन से इस बाँध से पानी छोड़ा जा रहा है| साथ ही, पालखेड, कडवा, वालदेवी बाँध भी पूरी क्षमता से भर गये हैं| इस वजह से, तक़रीबन २३ हज़ार ५०७ क्यूसेक्स पानी इन सभी बाँधों से छोड़ा गया है| इस वजह से, नाशिक में गोदावरी नदी के किनारे के गाँवों में बाढ की स्थिति और भी गंभीर बनी है| ज़िले के कई गावों का संपर्क भी टूटा है|

नाशिक में आयी बाढ़ को देखते हुए, लष्कर और एनडीआरएफ के जवानों को तैयार रखा गया है| बाढ़ की चपेट में आये गाँववालों को बाहर निकाला जा रहा है| पुणे में जलग्रहण क्षेत्र (catchment area) में भी भारी बारिश गिरी है| इस वजह से, खडकवासला बाँध ९९ प्रतिशत भरा है| साथ ही, टेमघर, पानशेत बाँधों के पानी में भी बढोतरी हुई है| नगर में तक़रीबन साढ़ेचारसौ मिमी बारिश हुई है| ठाणे, रायगड, रत्नागिरी और कोकण के ज़िलों मे और पुणे, सातारा, कोल्हापूर इन पश्‍चिम महाराष्ट्र के ज़िलों के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश हुई है|

ठाणे, पालघर और मुंबई में पिछले कुछ दिनों से हुई भारी बारिश से, मुंबई को पानी सप्लाई करनेवाले विहार, मोडकसागर और तानसा तालाब पूरी तरह से भर गये हैं। मोडकसागर तालाब भर जाने की वजह से तालाब के किनारे के गावों को सर्तकता का इशारा दिया गया है| जुलाई महीने में मुंबई को पानी सप्लाई करनेवाले चारों बाँध भर जाने की वजह से मुंबई की सालभर की पानी की समस्या हल हो गयी है|

अगले ४८ घंटे में, उत्तर और पश्‍चिम महाराष्ट्र तथा कोकण में भारी बारिश गिरने का अंदाज़ा हवामान विभाग ने व्यक्त किया है|

 

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