सीरिया में अस्साद हुकूमत ने ३०० से अधिक रासायनिक हमलें किए – जर्मन संगठन का आरोप

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबर्लिन – पिछले पांच वर्षों में अस्साद शासन ने सीरिया में ३०० से अधिक रासायनिक हमलें चढ़ाने का आरोप ‘ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी इन्स्टिट्यूट’ (जीपीपीआय) ने किया हैं| इन रासायनिक हमलों में सैकड़ों सीरियन नागरिकों की बलि जाने का आरोप इस जर्मनी स्थित संगठन ने किया हैं| अमरिका ने सीरिया के लिए खींची हुई ‘रेड लाईन’ के पश्चात इन रासायनिक हमलों की तीव्रता बढ़ने का इस संगठन ने कहा हैं|

‘जीपीपीआय’ ने रिपोर्ट में प्रस्तुत किए जानकारी के अनुसार, सीरिया में लगभग ३३६ रासायनिक हमलें हुए हैं| सीरिया के गृहयुद्ध का भड़का उड़ने के कारण यह रासायनिक हमलें चढ़ाए जाने का दावा इससे पहले भी किया गया था| लेकिन इनमें से १८ प्रतिशत रासायनिक हमलें सीरिया के अस्साद शासन और संलग्न हथियारबंद संगठनों ने किए हैं| तो बचे हुए दो प्रतिशत रासायनिक हमलों के लिए सीरिया की आतंकवादी संगठन जिम्मेदार होने का ‘जीपीपीआय’ ने कहा हैं| सीरियन शासन ने चढ़ाए हुए समस्त रासायनिक हमलों में से ८९ हमलों के लिए आधुनिक क्लोरीन विस्फोटकों का उपयोग बम में करने की जानकारी ‘जीपीपीआय’ ने दी हैं|

सीरियन लष्कर ने हेलीकॉप्टर्स के सहयोग से ये रासायनिक हमलें किए गए हैं| साथ ही सीरिया के शासन ने नागरिक स्थानों को लक्ष्य करते हुए ये सभी हमलें करने की टीका ‘जीपीपीआय’ ने की हैं| इनमें से कोई भी रासायनिक हमला आतंकवादी अथवा विद्रोहियों के ठिकानों पर नहीं होने का दावा वर्णित संगठन ने अपनी रिपोर्ट में किया हैं| सीरियन लष्कर के नागरिकों पर हुए यह हमलें किसी नियोजित षडयंत्र का हिस्सा था, ऐसा आरोप रिपोर्ट से किया गया हैं|

अस्साद शासन के विरोधियों अथवा राजनैतिक विरोधकों का प्रभाव होने वाले ठिकानों पर हमलें चढ़ाकर सीरियन लष्कर ने अस्साद विरोधियों को समाप्त करने के सत्र शुरू किए थें| रासायनिक हमलों के कारण सिरियन नागरिक विस्थापित हुए हैं, ऐसा इस संगठन का कहना है| सीरियन शासन के इन रासायनिक हमलों के लिए अमरिका के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा की नीति भी उतनी ही जिम्मेदार होने का इस रिपोर्ट में कहा गया हैं|

सन २०१३ में ओबामा ने सीरिया के अस्साद शासन के विरोध में लष्करी कार्रवाई की मांग कर ‘रेड लाईन’ घोषित की थीं| परंतु उसी समय ओबामा ने अस्साद से रासायनिक हथियार भंडार नष्ट करने के बारे में वार्तालाप भी किया था| परंतु इसी अवधि में सीरियन लष्कर ने सबसे अधिक रासायनिक हमलें चढ़ाए थे, ऐसा आरोप ‘जीपीपीआय’ ने अपनी रिपोर्ट से किया हैं| सीरिया के रासायनिक हथियारों के भंडार नष्ट करने के लिए दाखिल हुए अंतरराष्ट्रीय संगठन ने भी अस्साद शासन के पास रासायनिक शस्त्र भंडार के विषय में चिंता व्यक्त की थीं| इसकी याद ‘जीपीपीआय’ ने कराई हैं|

दौरान, डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरिका के सूत्र जब से हाथ में लिए हैं, तभी से सीरिया में रासायनिक हमलों का प्रमाण कम हुआ हैं| दो साल पहले सीरिया के लष्कर ने इदलिब में रासायनिक हमलें चढ़ाने के पश्चात ट्रम्प ने सीरिया के लष्कर के ऊपर ६० से अधिक मिसाइलों के हमलें चढ़ाए थें| साथ ही सीरियन लष्कर ने फिर अपनी जनता पर रासायनिक हमलें चढ़ाएं तो, इससे भी अधिक भीषण हमलें चढ़ाने की चेतावनी ट्रम्प ने दी थीं|

वर्तमान में अमरिका सीरिया से सेना वापसी की तैयारी कर रही हैं| परंतु सीरिया के सुरक्षा विषयक स्थिति समाधान कारक स्तर पर पहूंचाए बिना अमरिका सेना की वापसी नहीं करेगी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पहले ही घोषित किया था| ऐसी परिस्थिति में जर्मनी के मानवाधिकार संगठन ने सीरियन शासन ने नागरी स्थानों पर रासायनिक हमलें चढ़ाने का आरोप किया हैं| इसका सीरिया से अमरिकी सेना की वापसी पर भी परिणाम हो सकता हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published.