जम्मू-कश्मीर मसले पर देश से सही संदेश गया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली, दि. १७ (पीटीआय) – ‘जम्मू-कश्मीर की परिस्थिति पर सभी राजनीतिक दलों द्वारा एक सूर में अपनी प्रतिक्रिया दी गयी| इससे ‘जम्मू-कश्मीर मसले पर कोई राजनीतिक मतभेद नहीं हैं’ यह संदेश सबको मिला है’, ऐसा कहते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसपर खुशी ज़ाहिर की|

PM Modiनई दिल्ली में मान्सून-पूर्व अधिवेशन से पहले, सभी राजनीतिक पार्टियों की बुलाई गई बैठक में प्रधानमंत्री बात कर रहे थे|

इस बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने, जम्मू-कश्मीर की परिस्थिति पर सभी राजनीतिक दलों द्वारा स्वीकारी गयी भूमिका की प्रशंसा की है| ‘हम सब जनता का और साथ ही, अपनी अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं| ऐसा करते समय, हम सभी के लिए राष्ट्रहित मायने रखता है| जम्मू-कश्मीर के हालातों पर सभी राजनीतिक पार्टियों द्वारा एक सूर में दी गयी प्रतिक्रिया से सभी को उचित संदेश मिल गया है| इसका बहोत बड़ा लाभ अपने देश को मिलेगा’ ऐसा भरोसा प्रधानमंत्री ने जताया|

जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बुर्‍हान वनि के मारे जाने के बाद, राज्य में शुरू हुआ हिंसा का सिलसिला अभी तक ख़त्म नहीं हुआ है| इसमें कुछ अलगाववादी संगठनों ने बुर्‍हान को ‘शहीद’ बनाने का प्रयास किया| इस बात को देश की कुछ मीडिया ने प्रतिसाद दिया और बुर्‍हान के लिए हमदर्दी का सूर भी अलापा गया| बुर्‍हान ने अमरनाथ यात्रा पर हमला न करने के आदेश अपने साथियों को दिये थे,  इस बात की ओर सभी का ध्यान खींचकर, ‘वह उदारमतवादी था’ ऐसा दावा करनेवाले बुद्धिमान् लोग आगे आए थे| इतना ही नहीं, बल्कि उसकी अंतिम यात्रा के लिए भी हज़ारों की संख्या में जनसमुदाय मौजूद था, ऐसा कहते हुए बुर्‍हान के उद्दातीकरण के प्रयास भी शुरू हुए थे| आतंकवादियों का उदात्तीकरण कैसे किया जा सकता है, ऐसा सवाल करके प्रधानमंत्री ने देश की मीडिया पर अपनी नारा़ज़गी ज़ाहिर की|

VK singhवहीं, विदेश राज्यमंत्री जनरल व्ही. के. सिंग ने भी, जम्मू-कश्मीर तनाव के लिए केंद्र और राज्य सरकार को तथा सेना को ज़िम्मेदार ठहरानेवालों की ख़बर ली| ‘जो दंगल भड़काते हैं, उसके लिए युवाओं को चेतावनी देते हैं, ऐसे लोगों को भी देश के विद्वानों ने कुछ सवाल करने चाहिए’ ऐसा आवाहन सिंग ने किया| ‘पिछले साल जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ में आम कश्मीरियों को बचानेवाले हात किसके थे? बाढ़ मे डूबनेवाले कश्मीर को नयी साँस किसने दी थी? उस समय ये बुर्‍हान वनि कहाँ पर था? उसने कितने आदमियों को बचाया था?’ ऐसे सवाल जनरल सिंग ने, बुर्‍हान वनि का समर्थन करनेवाले और लष्कर पर आरोप करनेवाले लोगों से पूछे हैं।

‘आनेवाले समय में जम्मू-कश्मीर पर इस तरह की आपत्ती न आएँ, लेकिन यदि कोई आपत्ती आयी, तो सबसे पहले भारतीय सेना ही मदद के लिए आगे आएगी’ ऐसा जनरल सिंग ने कहा है| ‘बुर्‍हान वनि का खात्मा करनेवाले जवानों पर मुझे फक्र है’ ऐसा भी सिंग ने कहा|

‘पाक़िस्तान और अलगाववादी संगठनों द्वारा कश्मीर में जनमतसंग्रह लेने की माँग की जाती है| लेकिन भारत की इच्छा होकर भी इस तरह का जनमतसंग्रह लेना मुमक़िन नही है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्रसंघ के फ़ैसले के अनुसार, इस प्रकार के जनमतसंग्रह के लिए पाकिस्तान को अवैध रूप में हथियाया हुआ कश्मीर का भूभाग छोडना पड़ेगा| यहाँ पर तैनात किये गए पाक़िस्तानी जवानों को पीछे हटाकर ही जनमतसंग्रह लिया जा सकता हैं| इस मामले में जम्मू-कश्मीर की जनता को कौन गुमराह कर रहा है?’ ऐसा सवाल भी सिंग ने किया हैं|

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