तुर्की के विद्रोहियों को क़ीमत चुकानी होगी: तुर्की राष्ट्राध्यक्ष की चेतावनी

अंकारा/वॉशिंग्टन, दि. १७ (वृत्तसंस्था) – ‘तुर्की सेना के विद्रोहियों की सहायता से मेरा ख़ून करने का इरादा रखनेवालों को बहुत बड़ी क़ीमत चुकानी होगी’ ऐसी सख़्त चेतावनी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने दी| साथ ही, ‘यह बगावत एक हिसाब से अच्छी थी| इस कारण सेना से गंदगी साफ करने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है’ ऐसा एर्दोगन ने कहा|Turkey-rebels

वहीं, ‘तुर्की की सुरक्षा एजन्सियों ने छ: हजार से भी अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया है और आनेवाले दिनों में और भी गिरफ़्तारियाँ होंगी’ ऐसा भी एर्दोगन सरकार ने स्पष्ट किया है| इसी दौरान, तुर्की नियमों के दायरे में रहकर ही विद्रोहियों पर कार्रवाई करें, ऐसी सूचना अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ओबामा ने की है|

राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन तुर्की में नहीं है, इस अवसर का लाभ उठाते हुए, तुर्की सेना के विद्रोही जवानों ने शुक्रवार की रात को राजधानी अंकारा और अन्य महत्वपूर्ण शहरों पर कब्ज़ा करने की कोशिश की| विद्रोहियों ने ‘एफ-१६’ लड़ाकू जेट्स और हेलिकॉप्टर्स की सहायता से संसद की इमारत के साथ सरकारी इमारतों पर हवाई हमले किए| साथ ही, विद्रोहियों ने सरकार से जुड़ी समाचारवाहिनी के दफ़्तर में तोड़फोड़ करते हुए उसपर भी कब्ज़ा जमा लिया| इसके बाद विद्रोहियों द्वारा, तुर्की की जनता के लिए जारी किये गए बयान में – ‘देश का जनतंत्र, न्यायतंत्र, मानवाधिकार और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एर्दोगन एवं उनकी सरकार के खिलाफ यह बग़ावत की गयी है’ ऐसी घोषणा की|

इसकी जानकारी मिलते ही, एर्दोगन ने देश की जनता से, ‘सड़कों पर उतरकर विद्रोहियों से संघर्ष करने का’ आवाहन किया| इसके बाद हज़ारों तुर्की के नागरिक सड़कों पर उतरकर पुलीस और सैनिकों के साथ विद्रोहियों के खिलाफ संघर्ष करने लगे| तक़रीबन आठ घंटो तक चल रहे इस संघर्ष में २६५ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है| इस संघर्ष के दौरान, विद्रोहियों ने नागरिकों की गाड़ियों को टैंको के नीचे कुचल दिया| साथ ही, एर्दोगन-समर्थकों पर अंधाधुंद गोलीबारी की| वहीं, तुर्की की जनता ने भी विद्रोही सैनिकों को पकड़कर उनकी पिटाई की, ऐसा वृत्त प्रकाशित हुआ है| साथ ही, एक घटना में संतप्त भीड़ ने एक विद्रोही जवान का सिर काट दिया| इस ऑपरेशन में २८३९ विद्रोही अधिकारियों और जवानों को हिरासत में लिया गया|

शनिवार देर रात तक, इस्तंबूल के ‘अतार्तुक’ हवाईअड्डे पर उतरने के बाद राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने, विद्रोहियों को कठोर शासन करने की घोषणा की| इसके बाद तुर्की की सुरक्षा एजन्सियों द्वारा की गई कार्रवाई में २७०० से अधिक न्यायमूर्तियों और विधितज्ञों को गिरफ़्तार किया गया| इन्हें विद्रोहियों को आर्थिक तथा संवैधानिक सहायता देने के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया, ऐसी जानकारी तुर्की पुलीस ने दी| इसके अलावा ३०० नागरिकों को भी दबोच लिया गया है| एर्दोगन सरकार के खिलाफ विद्रोह की जड़े गहराई तक फैली हुई हैं, इसलिए इस बग़ावत के सिलसिले में और भी गिरफ़्तारियाँ हो सकती हैं, ऐसी जानकारी तुर्की के विधिमंत्री ‘बेकिर बोझदाग’ ने दी| साथ ही, तुर्की के संविधान में फ़ाँसी के प्रावदान में भी बदलाव करने के संकेत बोझदाग ने दिए|

इसी दौरान, ‘एर्दोगन सरकार के खिलाफ़ हुए इस सैनिकी विद्रोह के पीछे, अमरीका में आश्रय लेनेवाले ‘फेतुल्ला गुलेन’ हैं’ ऐसा आरोप तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली ने किया| अमरीका गुलेन को तुर्की के हवाले कर दें, ऐसी माँग तुर्की ने की है| साथ ही, गुलेन को समर्थन देनेवाले किसी भी देश के खिलाफ़ तुर्की जंग छेड़ सकता है, ऐसी चेतावनी भी प्रधानमंत्री बिनाली ने दी| तुर्की के प्रधानमंत्री ने भले ही किसी देश का नाम नहीं लिया हो, लेकिन यह चेतावनी अमरीका के लिए थी, ऐसा दावा विश्‍लेषक कर रहे है| तुर्की द्वारा दी गई यह चेतावनी दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव का संकेत है|

गुलेन ने तुर्की के इन आरोपों का खंडन करते हुए, ‘राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने ही यह विद्रोह का नाटक रचा होगा’ ऐसा आरोप किया है| तुर्की सेना के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर एर्दोगन ने विद्रोह का नाटक बनाया होगा, ऐसी संभावना गुलेन ने जताई| वहीं, अमरिकी विदेशमंत्री जॉन केरी ने भी, तुर्की द्वारा किये गए आरोपों पर तीव्र नापसंदगी दर्शायी| ‘अगर तुर्की के पास गुलेन के खिलाफ सबूत हैं, तो उसे प्रस्तुत करें, फिर हम गुलेन को तुर्की के हवाले कर देंगे| लेकिन बिनावजह तुर्की अमरीका को दोष ना लगाएँ| इन आरोपों के कारण तुर्की और अमरीका के बीच के संबंधो में दरारें पड़ सकती हैं, ऐसी चेतावनी विदेशमंत्री केरी ने दी|

वहीं, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने भी एर्दोगन सरकार को चेतावनी दी| ‘अमरीका तुर्की के लोकनियुक्त सरकार का समर्थन करती है| लेकिन एर्दोगन सरकार विद्रोहियों पर कारवाई करते वक्त नियमों का पालन करे’ ऐसा आवाहन ओबामा ने किया| अन्यथा एर्दोगन सरकार की ग़लत कार्रवाईयों के कारण तुर्की में हिंसाचार और अस्थिरता बढ़ सकती है, ऐसी चेतावनी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दी|

इसी दौरान, ‘तुर्की में चल रहे विद्रोह के दौरान, राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने जर्मनी में आसरा लेने की कोशिश की थी| लेकिन जर्मनी द्वारा इन्कार किया जाने के बाद एर्दोगन ने ब्रिटन से भी आश्रय के बारे में आवाहन किया था’ ऐसी जानकारी अमरीका की एक समाचारवाहिनी ने दी| साथ ही, इस विद्रोह की भनक राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन को पहले से ही थी, इसलिए कुछ महीनें पहले से ही एर्दोगन ने आश्रय के लिए तैयारियाँ शुरू कर दी थीं, ऐसा दावा तुर्की के सूत्रों ने अमरिकी समाचार वाहिनी से की हुई बातचीत के दौरान किया है|

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