‘जेरुसलेम’ विरोधी अनुबंध के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की ओर से आमसभा का आयोजन

न्यूयॉर्क/तेहरान: ‘जेरुसलेम’ विरोधी अनुबंध पर अमरिका ने नकाराधिकार इस्तेमाल करने के बाद संयुक्त राष्ट्रसंघ ने इस मुद्दे पर ‘आमसभा’ का आयोजन किया है। अरब और इस्लामी देशों ने मांग करने के बाद आने वाले कुछ घंटों में यह आमसभा शुरू होने वाली है। ईरान और तुर्की इन देशों ने पॅलेस्टाईन को अपना समर्थन दिया है। अमरिका के यूरोपीय मित्र देशों ने इसके पहले ही जेरुसलेम विरोधी भूमिका अपनाई है।

दो हफ़्तों पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने जेरुसलेम को इस्रायल की राजधानी घोषित किया था। उनके इस निर्णय के खिलाफ सोमवार को संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में अनुबंध रखा गया। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ‘जेरुसलेम’ के बारे में की हुई घोषणा वापस ले, ऐसा इस अनुबंध में कहा गया था। ट्रम्प का यह निर्णय अमरिका की पहले की नीति से असंगत है, ऐसी टीका की गई थी। लेकिन १५ सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद की इस बैठक में अमरिका ने नकाराधिकार इस्तेमाल करके इस अनुबंध को ख़ारिज किया।

अमरिका के इस नकाराधिकार की वजह से नाराज हुए अरब इस्लामी देशों ने सीधे संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा बुलाने का आवाहन किया। गुरुवार को यह आमसभा आयोजित की जाने वाली है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के आमसभा के प्रवक्ता ‘ब्रेंडन वर्मा’ ने दी जानकारी के अनुसार, ‘आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इस्लामिक ग्रुप’ (ओआईसी) और अरब समूहों ने इस आमसभा की मांग रखी थी। इस मे से ‘ओआईसी’ की हफ्ते पहले तुर्की में बैठक पूरी हुई है और इस में अमरिका के फैसले पर टीका करके पूर्व जेरुसलेम को पॅलेस्टाईन की राजधानी घोषित किया था।

इस वजह से राष्ट्रसंघ की आमसभा में भी ‘जेरुसलेम’ के खिलाफ एकमत प्राप्त कर के, अमरिका पर घोषणा पीछे लेने के लिए दबाव डालने की योजना ‘ओआईसी’ ने बनाने का दावा अंतर्राष्ट्रीय वृत्तसंस्था कर रही हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा के १९३ देश सदस्य हैं। सुरक्षा परिषद की बैठक में अमरिका ने नकाराधिकार इस्तेमाल किया है, फिर भी इस आमसभा में लिए निर्णय के खिलाफ नकाराधिकार इस्तेमाल करने का मौका नहीं है। इस वजह से इस आमसभा के माध्यम से ट्रम्प के ‘जेरुसलेम’ विरोधी निर्णय संमत किया जा सकता है।

इस के पहले मंगलवार को संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में ‘जेरुसलेम’ के विषय में मतदान लिया गया। इस में १७६ देशों ने पॅलेस्टिनियों के अधिकारों का समर्थन कर के पॅलेस्टाईन को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा देने के लिए मतदान किया। तो अमरिका और कनाडा इन देशों ने ‘जेरुसलेम’ विषयक निर्णय का समर्थन किया है। अन्य चार देश इस मतदान के समय उपस्थित नहीं थे। दौरान, आमसभा में पॅलेस्टाईन के पक्ष में खड़े रहने के लिए अरब-इस्लामी देशों के विदेश मंत्री उपस्थित रहने वाले हैं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

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