राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प जेरुसलेम में स्थित अमरिकन दूतावास के उद्घाटन को उपस्थित रहेंगे

वॉशिंग्टन: जेरुसलेम को इस्रायल की राजधानी घोषित करने के बाद, इस जगह पर शुरू होने वाले अमरिकी दूतावास के उद्घाटन के लिए शायद मै उपस्थित रहूँगा, ऐसी संभावना अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने जताई है। इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू की व्हाईट हाउस की भेंट के बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने यह घोषणा की है। उनकी इस घोषणा पर खाड़ी देशों के साथ साथ दुनिया भर से तीव्र प्रतिक्रिया आने की संभावना है।

इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने सोमवार का अमरिका के दौरे में व्हाईट हाउस की भेंट में ट्रम्प के साथ जेरुसलेम का दूतावास, पॅलेस्टाईन और ईरान के बारे में चर्चा की। इस्रायली प्रधानमंत्री के साथ चर्चा करने के बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने जेरुसलेम में स्थित अमरिकन दूतावास के उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहने की संभवना जताई है। उसीके साथ ही अमरिका और इस्रायल के बीच पीढ़ियों से दोस्ती है और इस्रायल की सुरक्षा के लिए अमरिका वचनबद्ध होने की घोषणा ट्रम्प ने की है। खाड़ी में ईरान के प्रभाव को नष्ट करना अपना प्रमुख  उद्दिष्ट होगा, ऐसा भी ट्रम्प ने आगे कहा है।

पिछले वर्ष ४ दिसंबर को राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने जेरुसलेम को इस्रायल की ऐतिहासिक राजधानी घोषित किया था। उसके बाद अमरिका के यूरोपीय मित्रदेशों से लेकर अरब-खाड़ी देशों तक सभी ने ट्रम्प की इस घोषणा पर टीका की थी। इस टीका को अभी तक दो महीने भी पूरे नहीं हुए हैं और तभी मई महीने तक जेरुसलेम में दूतावास शुरू हो जाएगा, ऐसा पिछले महीने में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने घोषित किया था। ऐसे में अब ट्रम्प ने ही जेरुसलेम में स्थित अमरिकी दूतावास के उदघाटन समारोह में उपस्थित रहने की संभावना जताने की वजह से इस पर प्रतिक्रिया अपेक्षित है।

दौरान, वॉशिंग्टन में आयोजित ‘अमरिकन इस्रायल पब्लिक अफेयर्स कमिटी’ (आयपॅक) इस वार्षिक बैठक में अमरिका के उपराष्ट्राध्यक्ष माईक पेन्स ने ईरान को सावधान किया है। ‘खाड़ी में शांति प्रस्थापित हो, इसके लिए अमरिका ने योजना बनाई है। शांति प्रस्थापित करने के लिए कुछ समझौते करने पड़ते हैं। लेकिन यह समझौते करते समय, इस्रायल की सुरक्षा के मामले में अमरिका कोई भी समझौता करना वाला नहीं है। ईरान की ओर से इस्रायल को खतरा पैदा हुआ तो अमरिका इस्रायल की पूरी मदद करेगा’, ऐसी घोषणा उपराष्ट्राध्यक्ष पेन्स ने की है।

इसी बैठक में संयुक्त राष्ट्रसंघ की अमरिकी राजदूत निकी हॅले ने अमरिका का इस्रायल को हमेशा समर्थन रहेगा, ऐसा घोषित करके संयुक्त राष्ट्रसंघ पर टीका की है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की इस्रायल विरोधी नीतियाँ अमरिका कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा, ऐसा हॅले ने इस दौरान कहा है।

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