‘जेरुसलेम’ के निर्णय का विरोध करने वाले देशों का पर्दाफाश करेंगे- अमरिकी राजदूत निकी हैले

वॉशिंग्टन: ‘संयुक्त राष्ट्रसंघ में, अमरिका को हमेशा सक्रिय भूमिका लेने के लिए साथ ही अधिक से अधिक सहायता देने के लिए पूछा जाता है। इस पृष्ठभूमि पर, अमरिकी जनता की इच्छा से अगर हम अपना दूतावास स्थलांतरित करने का फैसला करते हैं, तो हमने जिनकी बार बार सहायता की है, वह अमरिका को ही लक्ष्य बनाएं, इसकी हमें अपेक्षा नहीं है। गुरुवार को अमरिका के निर्णय पर टीका करने के लिए संयुक्त राष्ट्रों में मतदान होगा। इस समय अमरिका भी जेरुसलेम के निर्णय को विरोध करने वालों का पर्दाफाश करेगा’, ऐसा कड़ा इशारा अमरिका की संयुक्त राष्ट्रसंघ की राजदूत निकी हॅले ने दिया है।

अमरिकी राजदूत

६ दिसंबर को राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ‘जेरुसलेम’ इस्रायल की राजधानी है, ऐसा घोषित किया था। उस के बाद दुनिया भर से तीव्र प्रतिक्रिया उमटी थी। इस्रायल और कनाडा को छोड़कर ट्रम्प के फैसले को किसी भी देश ने समर्थन नहीं दिया है, उल्टा यूरोप और खाड़ी देशों ने अमरिका पर राजनीतिक दबाव डालने की कोशिश शुरू की। उसी के ही एक हिस्से के तौर पर संयुक्त राष्ट्रसंघ और सुरक्षा परिषद में जेरुसलेम के निर्णय पर विशेष अनुबंध मंजूर करने की कोशिशें की जा रही हैं।

सुरक्षा परिषद में अमरिका ने नकाराधिकार इस्तेमाल करके ‘जेरुसलेम’ के अनुबंध को नाकाम करने के बाद, अब संयुक्त राष्ट्रसंघ की महासभा में गुरुवार को उसपर चर्चा और मतदान लिया जाने वाला है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने अपनी भूमिका और भी आक्रामक की है और हॅले ने दिया हुआ इशारा उसके स्पष्ट संकेत देने वाला है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इससे पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ की कार्यपद्धति पर ऊँगली रखी थी। दो महीने पहले ही ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्रसंघ का हिस्सा ‘यूनेस्को’ से बाहर निकलने का फैसला किया था।

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