‘जेरुसलेम’ विरोधी अनुबंध के बाद इस्रायल ने ‘यूनेस्को’ छोड़ दिया

जेरुसलेम: ‘‘संयुक्त राष्ट्रसंघ की ‘यूनेस्को’ यह संस्था इस्रायल के इतिहास के साथ के संबंध को तोड़ने की कोशिश कर रही है’’, ऐसा आरोप करके इस्रायल ने ‘यूनेस्को’ छोड़ने की घोषणा की है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में ‘जेरुसलेम’ के खिलाफ संमत हुए अनुबंध के बाद इस्रायल ने यह घोषणा की है। महीने पहले ‘यूनेस्को’ इस्रायल के खिलाफ है, ऐसा आरोप करके अमरिका ने भी इस संस्था को छोड़ दिया था।

इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने ‘यूनेस्को’ के इस्रायल के राजदूत ‘कैरमल शमाहाकोहेन’ के साथ चर्चा की। इस चर्चा में ‘यूनेस्को’ को इस्रायल छोड़ रहा है, यह सूचना बेंजामिन नेत्यान्याहू ने हाकोहेन को दी है। इस्रायल के इस निर्णय को ‘यूनेस्को’ में घोषित करने को भी नेत्यान्याहू ने कहा है। उसी समय इस्रायल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ‘इमैन्युअल नाहशोन’ ने भी संयुक्त राष्ट्रसंघ की इस संस्था को इस्रायल छोड़ रहा है, ऐसी घोषणा की है।

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उसके अनुसार इस्रायल ने ‘यूनेस्को’ छोड़ने की घोषणा की है और अगले हफ्ते में इस संबंध में कार्रवाई पूरी की जाएगी, यह जानकारी इस्रायली मीडिया ने दी है। इस व्यवहार के बाद सन २०१८ के अंत तक इस्रायल अधिकृतरूपसे यूनेस्को को छोड़ देगा। तब तक इस संस्था में इस्रायल सदस्य के तौर पर शामिल हो सकता है, ऐसी जानकारी इस्रायल की मीडिया दे रही है।

अपने इस फैसले के लिए ‘यूनेस्को’ की जिम्मेदार है, ऐसा आरोप इस्रायल ने किया है। पिछले कुछ वर्षों से संयुक्त राष्ट्रसंघ की इस संस्था ने सार्वजनिकरूपसे और व्यवस्थित ढंग से इस्रायल पर हमले जारी रखे थे। इस्रायल , ज्यूधर्मीय और इस्रायल की सीमारेखा का इतिहास के साथ संबंध नहीं है, ऐसा दावा यूनेस्को कर रहा है, ऐसा आरोप इस्रायल ने किया है।

इसके पहले अक्टूबर में अमरिका ने भी ‘यूनेस्को’ पर दोष लगाकर इस संस्था को छोड़ने की घोषणा की थी। ‘यूनेस्को’ यह संस्था इस्रायल के खिलाफ एकतरफा फैसला कर रही है, ऐसा आरोप अमरिका ने किया था। साथ ही इस संस्था की नीति में और व्यवस्थापन में मूलभूत बदलाव करने की आवश्यकता है, ऐसा भी अमरिका ने कहा था। उसीके साथ ही ‘यूनेस्को’ को दी जाने वाली अर्थसहायता में कटौती करने की घोषणा भी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने की थी।

इस साल मई महीने में ‘यूनेस्को’ ने पारित किए हुए एक अनुबंध की वजह से इस्रायल और अमरिका ने इस संस्था के खिलाफ आक्रामक भूमिका ली थी। गाझापट्टी और जेरुसलेम में इस्रायल पॅलेस्टिनियों पर अत्त्याचार कर रहा है, ऐसा आरोप ‘यूनेस्को’ ने अपने अनुबंध में किया था। रशिया, चीन, स्वीडन के साथ संयुक्त राष्ट्रसंघ २२ देशों ने इस अनुबंध का समर्थन किया था। अमरिका के साथ दस देशों ने इस अनुबंध के खिलाफ जाकर इस्रायल का समर्थन किया था।

इस अनुबंध के बाद इस्रायल ने ‘यूनेस्को’ पर जोरदार टीका करके इस संस्था को दी जाने वाली अर्थसहायता में कटौती की थी। अमरिका ने भी यूनेस्को साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को रोकने का इशारा दिया था।

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