‘जेरुसलेम’ विरोधी अनुबंध के बाद संयुक्त राष्ट्रसंघ को पहला झटका- अमरिका की ओर से राष्ट्रसंघ की सहायता में कटौती

न्यूयॉर्क: ‘जेरुसलेम’ को इस्रायल की राजधानी घोषित करने के अमरिका के निर्णय के खिलाफ अनुबंध संमत करने वाले संयुक्त राष्ट्रसंघ को अमरिका ने पहला झटका दिया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ को दी जाने वाली वार्षिक अर्थ सहायता में सीधे २८ करोड़ ५० लाख डॉलर्स की कटौती कर के अमरिका ने अपना निषेध व्यक्त किया है। यह निर्णय मतलब योग्य दिशा में रखा हुआ बड़ा कदम है, ऐसा अमरिका की राजदूत निकी हॅले ने कहा है।

सन २०१६-१७ इस वित्तीय वर्ष का संयुक्त राष्ट्रसंघ का खर्चा ५.४ अरब डॉलर्स इतना था। राष्ट्रसंघ का यह खर्चा उठाने के लिए सभी सदस्य देशों ने थोड़ी बहुत अर्थसहायता करना बंधनकरक है। लेकिन राष्ट्रसंघ की स्थापना होने के समय से लेकर आज तक अमरिका ने इनके खर्च का सर्वाधिक बोझ उठाया है। अब तक राष्ट्रसंघ के लिए अमरिका की तरफ से लगभग ३.३ अरब डॉलर्स दिए जाते थे। राष्ट्रसंघ के खर्च का २२ प्रतिशत इतना बोझ इस के पहले अमरिका ने इसके पहले उठाया था। लेकिन अगले साल से ऐसी परिस्थिति नहीं होगी, राष्ट्रसंघ को अमरिका की ओर से इतने बड़े पैमाने पर सहायता नहीं मिलेगी, ऐसा अमरिका ने कहा है।

राष्ट्रसंघ की अमरिकी राजदूत निकी हॅले ने इस संबंध में ऐतिहासिक घोषणा की है। अमरिका ने इस के आगे की सहायता में साढ़े अठ्ठाइस करोड़ डॉलर्स की कटौती करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रसंघ की सहायता में कटौती करने का निर्णय राष्ट्रसंघ के लिए निराशाजनक साबित हो सकता है, ऐसा हॅले ने कहा है। ‘राष्ट्रसंघ की अर्थसहायता में कटौती करने के बाद ही अनुशासन और जिम्मेदारी का एहसास होगा। इस ऐतिहासिक कटौती की वजह से इस के आगे राष्ट्रसंघ अधिक कार्यक्षमता और जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभाएगा’, ऐसा हॅले ने कहा है।

अमरिका ने जेरुसलेम के बारे में अपनाए निर्णय के खिलाफ राष्ट्रसंघ की आमसभा में अनुबंध मंजूर होने के बाद अमरिका ने इस कटौती की घोषणा की है। आने वाले समय में अमरिका की ओर से संयुक्त राष्ट्रसंघ को इस तरह के और भी झटके दिए जाएंगे, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। लेकिन इस वजह से अमरिका वैश्विक स्तरपर अकेला पड़ जाएगा और यह देश अपने प्रभाव को खो देगा, ऐसा इशारा भी कुछ विश्लेषक दे रहे हैं।

 

 ग्वाटेमाला जेरुसलेम में दूतावास स्थानांतरित करेगा
जेरुसलेम: कैरेबिया के ग्वाटेमाला इस देश ने अमरिका का अनुकरण करके जेरुसलेम में अपने दूतावास को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। इस्रायल के दौरे पर आए ग्वाटेमाला के राष्ट्राध्यक्ष ‘जिमी मोरालेस’ ने प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के साथ मुलाकात के बाद यह घोषणा की है।

इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने ग्वाटेमाला के इस निर्णय का स्वागत किया है। पिछले हफ्ते राष्ट्रसंघ की आमसभा में भी ग्वाटेमाला ने ‘जेरुसलेम’ की समस्या पर अमरिका और इस्रायल के पक्ष में मतदान किया था।

 

 

 

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