इस्रायल-यूएई का इब्राहम समझौता खाड़ी क्षेत्र में बदलाव करनेवाला साबित होगा – यूएई के ‘नैशनल काऊन्सिल’ के अध्यक्ष

जेरूसलम  – ‘इस्रायल और यूएई के बीच हुआ इब्राहम समझौता सिर्फ राजनीतिक, सुरक्षा और रक्षा संबंधित समझौता नहीं है बल्कि, यह खाड़ी क्षेत्र में बदलाव लानेवाला समझौता है। इस समझौते की वजह से इस्रायल और यूएई के बीच सभी क्षेत्रों में सहयोग स्थापित होगा’, यह विश्‍वास यूएई के ‘नैशनल काऊन्सिल’ के अध्यक्ष अली राशिद अल-नुएमी ने व्यक्त किया। इसके अलावा, यूएई इस समझौते से पीछे नहीं हटेगा और आगे बढता रहेगा, यह ऐलान भी नुएमी ने किया है।

इब्राहम समझौतायूएई’ के ‘नैशनल काऊन्सिल के तीन प्रतिनिधि मंड़ल नुएमी की अध्यक्षता में इस्रायल के विशेष दौरे पर है। उन्होंने सोमवार को इस्रायली संसद एवं ‘याद वाशेम’ की यात्रा की। दूसरे विश्‍वयुद्ध में हिटलर की नाज़ी सना ने ज्यू-वंशियों के किए संहार का स्मरण करने के लिए ‘याद वाशेम’ स्मारक का निर्माण किया गया है। ‘यूएई’ के अफसरों द्वारा इन दोनों स्थानों की यात्रा करना ध्यान आकर्षित कर रहा है।

इस्रायली संसद की यात्रा के दौरान नुएमी ने वर्ष २०२० में किए गए इब्राहम समझौते की अहमियत रेखांकित की। अब्राहम समझौता कागजों पर सीमित समझौता नहीं है, इसे व्यापक नज़रिये से देखने की आवश्‍यकता होने का बयान नुएमी ने किया। साथ ही यह समझौता सिर्फ राजनीतिक, सुरक्षा या रक्षा के लिए नहीं हुआ है, यह बात नुएमी ने स्पष्ट की।

‘पिछले वर्ष इस्रायल और हमास के बीच छिड़े संघर्ष के बाद कुछ लोगों ने इब्राहम समझौते पर सवाल उठाए थे। लेकिन, यह समझौता पीछे हटने के लिए नहीं किया गया है बल्कि, सफर आगे जारी रखने के लिए किया गया है। यह समझौता इतिहास दोहराने के लिए नहीं बल्कि इतिहास बनाने के लिए हुआ है’, यह ऐलान नुएमी ने इस्रायली संसद में किए भाषण के दौरान किया।

इस्रायली संसद के विदेश एवं सुरक्षा समिती के प्रमुख राम बेन बराक ने भी यूएई इस्रायल का पड़ोसी और बंधु राष्ट्र होने का बयान किया है। इब्राहम समझौता सिर्फ एक ही मुद्दे पर नहीं बना है, यह बयान बराक ने किया। इस समझौते के ज़रिये इस्रायल यूएई के साथ सभी क्षेत्रों में सहयोग स्थापित करने के लिए तैयार होने की बात बराक ने कही।

इसी बीच, अमरीका और ईरान परमाणु समझौते के काफी करीब पहुँचने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। ऐसी स्थिति में इस्रायल और यूएई का सहयोग अधिक मज़बूत होने की बात पिछले कुछ दिनों की गतिविधियों से देखी जा रही है। इब्राहम समझौता इस्रायल और खाड़ी क्षेत्र के राष्ट्रों के सहयोग का समझौता होने के बावजूद इसका स्वरूप रणनीतिक सहयोग का है। परमाणु हथियार प्राप्त करने की तैयारी में होनेवाले ईरान के खिलाफ इस्रायल और खाड़ी के राष्ट्रों की यह रणनीति साबित होती है, ऐसा कुछ विश्‍लेषकों का कहना है। इस वजह से ईरान इब्राहम समझौते में शामिल हो रहे देशों को गंभीर परिणामों की धमकियाँ दे रहा है। यूएई को भी ईरान ने इस मुद्दे पर धमकाया था।

इस पृष्ठभूमि पर यूएई के नैशनल काऊन्सिल के सदस्यों ने इस्रायल का दौरा करना एवं इसको लेकर किए गए बयान ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। हाल ही में इस्रायल के राष्ट्राध्यक्ष ने यह ऐलान किया था कि, हमारा देश यूएई से आवश्‍यक रक्षा सहयोग करने के लिए तैयार है। इससे पहले इस्रायल के प्रधानमंत्री ने यूएई का ऐतिहासिक दौरा भी किया था।

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