ड्रोन की सहायता से टिड्डीदल हमलें रोकनेवाला भारत दुनिया का पहला देश

नई दिल्ली – टिड्डीदल हमले पर ड्रोन की सहायता से नियंत्रण पानेवाला भारत दुनिया का पहला देश बना है, ऐसा केंद्रीय कृषिमंत्रालय द्वारा बताया गया। कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने भी, भारत ने टिड्डीदल हमले को नियंत्रण में रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया होने के कारण सराहना की थी। अप्रैल महीने में पाकिस्तान से राजस्थान में आये टिड्डेदलों ने लाखों हेक्टर खेती का नुकसान किया है। इस कारण, इन टिड्डीदल हमलों को ख़त्म करने के लिए राजस्थान के बिकानेर और अजमेर में ड्रोन का सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया था।

Drone-LocustAttackटिड्डीदल हमलों के विरोध में ड्रोन-इस्तेमाल के प्रोटोकॉल निश्चित करने के बाद और इस संदर्भ में मान्यता मिलने के बाद, टिड्डीदल हमलों पर नियंत्रण पाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल शुरू किया गया। ऐसा करनेवाला भारत यह पहला देश है, ऐसी जानकारी केंद्रीय कृषिमंत्रालय ने दी। फिलहाल राजस्थान के विभिन्न भागों में १२ ड्रोन के ज़रिये बाडमेर, जेसलमेर, बिकानेर, नागोर और जोधपुर में टिड्डीदल हमलों को रोका जा रहा होकर, यह प्रयोग सफल साबित हुआ है।

२१ जून तक राजस्थान, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्त्तीसगड और मध्य प्रदेश के ११४,०२६ हेक्टर ज़मीन पर टिड्डीदल हमलों पर नियंत्रण पाया गया है। इनमें से गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में अभी भी टिड्डीदल हमलों पर पाने की कोशिशें जारी हैं। आनेवाले कुछ दिनों में ये टिड्डीदल फ़सलों पर नये से हमला करने की तैयारी में हैं। इस कारण, इन टिड्डीदलों को ख़त्म करने के लिए केंद्रीय कृषिमंत्रालय काम कर रहा है। इसलिए राजस्थान में प्रयोग सफल होने के बाद अन्य छ: राज्यों में ड्रोन का प्रयोग किया जायेगा, ऐसे संकेत कृषि मंत्रालय द्वारा दिये गए।

टिड्डीदल हमलों पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए भारत ने किये प्रयोग की संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन ने प्रशंसा की है। इस तंत्रज्ञान का इस्तेमाल अन्य देशों में भी कियी जायें, ऐसा आवाहन एफएओ ने किया है। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत विकसित किये ड्रोन भविष्य में कृषी क्षेत्र में अमूल्य योगदान देंगे, ऐसा विश्वास केंद्रीय कृषिमंत्रालय ने व्यक्त किया है।

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