चीन से भारत को ६.५ लाख मेडिकल किटस्‌ प्राप्त होंगें

नई दिल्ली – चीन से भारत को ६.५ लाख मेडिकल किटस्‌ प्रदान हो रहे हैं। इस ख़बर से भारतीयों में डर का माहौल बना है। चीन से प्राप्त हो रहे मेडिकल किटस्‌ का दर्जा पहले जाँचकर देखें, यह माँग भी अब हो रही है। क्योंकि इससे पहले चीन ने ब्रिटन, स्पेन, नेदरलैंड और इटली को, खराब दर्ज़े के ‘पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट’ (पीपीई) की आपूर्ति की होने की बात सामने आयी थी। कोरोना वायरस का फैलाव जहाँ से शुरू हुआ, उस चीन में बडी मात्रा में कोरोना वायरस से संबंधित मेडिकल किटस्‌ का उत्पादन हो रहा है। इसी कारण अधिकांश देशों ने चीन से ही इन किटस्‌ की खरीद की है। लेकिन ये किटस्‌ खराब होने की बात सामने आयी थी। ऐसे में, भारत ने भी चीन से ही बडी संख्या में मेडिकल किटस्‌ की खरीद की है। इन किटस् का पहला लॉट गुरूवार के दिन भारत पहुँच रहा है।

भारत पहुँच रहे इन ६.५ लाख मेडिकल किटस्‌ में, रैपिड एन्टी बॉडी टेस्टस्‌ और आरएनए एक्सट्रॅक्शन किटस्‌ का समावेश है। इनके जरिए होनेवाले रैपिड टेस्ट से महज १५ मिनटों में कोरोना की जाँच का रिज़ल्ट प्राप्त होगा, यह दावा किया जा रहा है। अपने देश में तैयार हुए कोरोना वायरस के रेड झोन्स में यह टेस्ट काफी असरदार साबित होगी, यह भी कहा जा रहा है। अगले १५ दिनों में चीन से ऐसे और २० लाख किटस्‌ भारत पहुँचेंगें।

इसी बीच, चीन ने भारत को १.७० लाख पीपीई प्रदान किए थे। भारत सरकार ने इसकी खरीद नहीं की थी। बल्कि भारत को ये सदिच्छा के तौर पर प्राप्त हुए थे। चीन से प्राप्त हुए इन पीपीई की जाँच करने पर इसका दर्ज़ा ख़राब होने की बात सामने आयी है। इनमें से ५० हज़ार पीपीई तो इस्तेमाल करने के भी लायक ना होने की बात स्पष्ट हुई है। इसी दौरान, भारत ने चीन को १५ लाख पीपीई प्रदान करने को कहा था।

चीन से प्रदान हो रही इस वैद्यकीय सहायता पर भारतीयों ने चिंता व्यक्त की है। अब ‘मेड इन चायना’ पर भरोसा करने के लिए कोई भी तैयार नही है। चीन ने इससे पहले ब्रिटन, स्पेन, नेदरलैंड को ख़राब किटस्‌ की आपूर्ति की थी। इससे गुस्सा हुए ब्रिटन ने ये सभी किटस्‌ चीन वापस भेजकर, इसके लिए दिये पैसे वापस करें, यह माँग भी रखी थी। क्या भारत को भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना होगा, ऐसी आशंका जतायी जा रही है।

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