कश्मीर विवाद सुलझाने के लिए मेरे पास जादू की छड़ी नहीं है – दिनेश्वर शर्मा

श्रीनगर: “मेरे पास जादू की छड़ी नहीं है, पर मैं जो कुछ प्रयास कर रहा हूं उस पर उसे वफ़ादारी से देखा जाए, ऐसा जम्मू कश्मीर के नियुक्त किए गए मध्यस्थ दिनेश्वर शर्मा ने कहा है। कुछ दिनों पहले जम्मू कश्मीर की समस्या सुलझाने के लिए शर्मा इनकी नियुक्ति की घोषणा, केंद्रीय गृहमंत्रीने की थी। इससे पहले शर्माने उत्तर पूर्व के राज्यों की समस्या सुलझाने के लिए सफल मध्यस्थी की थी।

कश्मीर विवादपिछले वर्ष से जम्मू कश्मीर में आतंकवादी एवं उग्रवादी के विरोध में सरकार तथा सुरक्षा दलने कडी उपाय योजना हाथ ली हैं। विषेशरूप से सुरक्षा दलने इस वर्ष में डेढ़ सौ से अधिक आतंकवादियों को ढेर किया है और लष्कर, जैश जैसे खतरनाक आतंकवादी संगठन के कमांडर का इसमें समावेश है। इसकी वजह से आतंकवादी संगठन कमजोर बने हैं। उसकी वजह से जम्मू कश्मीर के उग्रवादी संगठन भी विवश हुए हैं। कुछ समय के लिए यहां की जनता को रास्ते पर लाकर पत्थर फेंक करने वाले उग्रवादी संगठन को सफलता मिली, फिर भी उनकी क्षमता बहुत ही कम होने के बाद दिखाई दे रही है।

ऐसी परिस्थिति में, जम्मू कश्मीर के सभी देशों से चर्चा करने के लिए केंद्र सरकार ने दिनेश्वर शर्मा इनकी नियुक्ति की थी। उन्हें किसी से भी चर्चा करने के अधिकार दिए हैं और इनमें उग्रवादी संगठनों का भी समावेश हो सकता है। फिलहाल, उग्रवादी संगठनों ने चर्चा नहीं करेंगे, ऐसा घोषित किया था। फिर भी आने वाले समय में उनकी भूमिका बदल सकती है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। शर्मा से चर्चा के लिए जम्मू कश्मीर के राज्य सरकारने सूची भी तैयार की है और अपने एक स्वतंत्र सूची होने की बात शर्माने स्पष्ट की है।

“पर यह समस्या सुलझाने के लिए अपने पास जादू की छड़ी नहीं है”, ऐसा दिनेश्वर शर्माने कहा है। तथा कर रहे प्रयास को वफ़ादारी से देखा जाए और अवास्तव कल्पनाओं के पूरे न जाए ऐसा आवाहन शर्माने किया है।

 

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