कानून का आधार ना होने से ‘वैग्नर ग्रुप’ का अस्तित्व ही नहीं – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

मास्को – रशिया में निजी सैन्य संगठनों के लिए कानून ना होने से ‘वैग्नर ग्रुप’ अस्तित्व में ही नहीं है, ऐसा बयान राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने किया है। इस बार रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने जून महीने के अन्त में ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येव्गेनी प्रिगोझिन और प्रमुख कमांडर्स ने उनसे मुलाकात करने की खबर की पुष्टि भी की है। हमने उन्हें यूक्रेन में एक युनिट के तौर पर काम करने का प्रस्ताव दिया था, यह भी पुतिन ने साक्षात्कार में कहा। 

‘वैग्नर ग्रुप’पुतिन ने गुरुवार को रशियन अखबार ‘कॉमरसैन्ट’ को साक्षात्कार दिया। इसमें उन्होंने ‘वैग्नर ग्रुप’ को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट की। रशिया में निजी सैन्य संगठनों के लिए कानून नहीं है और इस वजह से ‘वैग्नर ग्रुप’ अस्तित्व में ही ना होने की बात राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कही। इस दौरान उन्होंने ‘वैग्नर ग्रुप’ के सैनिकों को यूक्रेन में सक्रिय रहने का प्रस्ताव देने का दावा भी किया। अधिकांश कमांडर ने इसके लिए हामी भरी थी। लेकिन, प्रिगोझिन ने यह प्रस्ताव ठुकराया, ऐसा पुतिन ने कहा। 

‘वैग्नर ग्रुप’पिछले महीने २४ जून को रशिया की प्रमुख निजी सैन्य कंपनी ‘वैग्नर ग्रुप’ ने बगावत करके रशिया के दो शहरों पर कब्ज़ा पाने की जानकारी सामने आयी थी। ‘वैग्नर ग्रुप’ के दल रशिया की राजधानी मास्को से मात्र २०० किलोमीटर दूरी पर पहुंचने के दावे प्रसिद्ध हुए थे। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने प्रिगोझिन की उस हरकत को देशद्रोह करार देकर उनकी इस बगावत में शामिल होने वालों को सख्त सज़ा देने की चेतावनी भी दी थी। इसपर प्रतिक्रिया देते हुए प्रिगोझिन ने यह दावा किया था कि, यह कोई बगावत नहीं हैं, बल्कि ‘मार्च फॉर जस्टिस’ हैं।

रशिया के साथ पुरी दुनिया में सनसनी फैलाने वाली इस घटना के कुछ ही घंटे बाद यह बगावत खत्म होने की खबरें सामने आयी थी। बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्झांडर लुकाशेन्को की मध्यस्थता से ‘वैग्नर ग्रुप’ और रशियन सरकार की ‘डील’ होने की बात कही गई। लेकिन, कुछ दिन पहले ही बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष अलेक्झांडर लुकाशेन्को ने यह दावा किया था कि, प्रिगोझिन बेलारूस नहीं पहुंचे हैं और वह रशिया में ही है। ‘वैग्नर ग्रुप’ के दफ्तर एवं प्रिगोझिन के निवास पर छापे होने की खबरें भी रशियन माध्यमों ने प्रसिद्ध की थी।

इस पृष्ठभूमि पर, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और प्रिगोझिन की मुलाकात का वृत्त और पुतिन ने ‘वैग्नर ग्रुप’ के अस्तित्व ठुकराने का बयान करना ध्यान आकर्षित करता है। इस घटना के कारण पिछले महीने हुए विद्रोह का रहस्य अधिक बढ़ता दिख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.