चीन और उत्तर कोरिया के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर अमरीका ने जापान के रक्षा खर्च में बढ़ोतरी करने का किया स्वागत

टोकियो – ‘अगले १० से १५ सालों में चीन को अपने सैन्य ताकत के बल पर पू एशिया पर वर्चस्व बनाना है। इसमें चीन कामयाब हुआ तो यह क्षेत्र अस्थिर हो जाएगा। यह बात काफी खतरनाक होगी। इसी वजह से जापान ताकतवर एवं सैन्य स्तर पर सक्षम होना सबसे अहम होगा। सैन्य स्तर पर सक्षम जापान का अमरीका और मित्र देशों से जारी सहयोग इस क्षेत्र को युद्ध से दूर रख सकता है। इसी कारण से जापान के रक्षा खर्च बढ़ाना आवश्यक ही है’, इन शब्दों में अमरिकी रक्षाबलप्रमुक जनरल मार्क मिले ने जापान के बढ़ते रक्षा खर्च का समर्थन किया। चीन के साथ ही उत्तर कोरिया से भी जापान की सुरक्षा को खतरा होने की चेतावनी जनरल मिले ने दी।

कुछ दिन पहले जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने अगले वित्तीय वर्ष के रक्षा खर्च के लिए ६.८ ट्रिलियन येन (जापानी मूल्य) यानी ५० अरब डॉलर का प्रावधान करने का ऐलान किया था। इसमें अमरिकी लंबी दूरी के ‘टॉमाहॉक’ मिसाइलों की खरीद के लिए २११ अरब येन का विशेष प्रावधान किया गया था। विध्वंसक पर तैनात होने वाले यह मिसाइल १,६०० किलोमीटर की दूरी तय करके लक्ष्य को सटिकता से निशाना कर सकते हैं।

जापान की यह शस्त्र तैयारी चीन विरोधी होने का दावा किया जा रहा था। इसी कारण से रक्षा खर्च की इस बढ़ोतरी से बेचैन हुए चीन ने जापान की आलोचना की थी। पिछले वर्ष की तुलना में जापान के रक्षा खर्च में करीबन २० प्रतिशत बढ़ोतरी होने का संज्ञान चीन के माध्यमों ने लिया था। पिछले कुछ सालों में रक्षा खर्च लगातार बढ़ाकर जापान आक्रामकता दर्शा रहा है, ऐसी आलोचना चीन ने की थी। इसके बाद जापान में भी कुछ लोगों ने इस रक्षा खर्च के मुद्दे पर आलोचना की थी। इसी मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री किशिदा की सरकार को घेरने की तैयारी जापान में विरोधियों ने की थी।

ऐसी स्थिति में राजधानी टोकियो पहंचे अमरिकी रक्षाबल प्रमुख जनरल मिले ने जापान ने रक्षा खर्च बढ़ाने का स्वागत किया। ताइवान का कब्ज़ा और पूरे एशिया पर वर्चस्व पाने की कोशिश करने में लगा चीन एवं अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर रहा उत्तर कोरिया इन दो खतरों की पृष्ठभूमि पर जापान ने अपने रक्षा खर्च में बढ़ोतरी करना समर्थनीय है, ऐसा जनरल मिले ने कहा। जापान की इस रक्षा तैयारी के लिए अमरीका सहायता प्रदान करेगी, यह ऐलान भी मिले ने किया।

जापान और दक्षिण कोरिया में अमरीका के फिलहाल ८० हज़ार से अधिक सैनिक एवं लड़ाकू विमान, युद्धपोतों का बेड़ा तैनात है। लेकिन, आगे के दिनों में युद्ध का मुकाबला करने के लिए जापान और दक्षिण कोरिया अधिक व्यापक भूमिका अपनाए, ऐसा आवाहन अमरिकी रक्षाबलप्रमुख ने किया। जापान को अमरीका टॉमाहॉक मिसाइलों के साथ ही विध्वंसकों पर तैनात करने के लिए ‘एजिस’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा भी प्रदान करेगी।

इसी बीच, इस क्षेत्र के तनाव के लिए अमरीका ज़िम्मेदार होने का आरोप उत्तर कोरिया ने लगाया है। दक्षिण कोरिया के युद्धाभ्यास में अमरिकी विमानों ने हमारी हवाई सीमा का उल्लंघन किया, ऐसा आरोप उत्तर कोरिया ने लगाया। साथ ही दो दिन पहले अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल का किया परीक्षण अमरीका के लिए चेतावनी होने का बयान उत्तर कोरिया ने किया है।

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