भारत और ‘पैन अफ्रीका’ मुक्त व्यापारी समझौते के बाद टांझानिया अफ्रीका में भारत का अहम व्यापार केंद्र होगा – विदेश मंत्री एस.जयशंकर

नई दिल्ली – जैसे ही भारत अफ्रीकी महाद्वीप से मुक्त व्यापारी समझौता करता हैं, उसके बाद टांझानिया यहां पर भारत के व्यापार का केंद्र बन जाएगा, ऐसा सूचक बयान विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने किया है। टांझानिया के दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर ने इस देश के उद्यमियों को संबोधित करते समय यह दावा किया। पिछले कुछ दिनों से भारत ‘पैन अफ्रीका’ यानी अफ्रीकी महाद्वीप के सभी देशों से मुक्त व्यापारी समझौता करने के लिए उत्सुक होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। इस पृष्ठभूमि पर विदेश मंत्री ने किया यह बयान ध्यान आकर्षित कर रहा है। 

‘पैन अफ्रीका’पश्चिमी साम्राज्यवादियों ने अफ्रीकी महाद्वीप की लूट करके यहां के नैसर्गिक संसाधनों का शोषण किया। इसके खिलाफ अफ्रीकी महाद्वीप में अभी भी गुस्से की भावना बनी है। साथ ही चीन जैसे नए साम्राज्यवादी देश भी अफ्रीकी देशों में निवेश एवं व्यापार के नाम से हर मुमकीन तरिके से ज्यादा से ज्यादा लूट करता दिखाई दे रहा हैं। इस वजह से शुरू के दौर में चीन के निवेश का स्वागत करते दिखे यह अफ्रीकी देश आगे चीनी कर्ज के जाल में फंसे दिख रहे हैं। ऐसी स्थिति में अफ्रीकी देश भारत की ओर बड़े विश्वास से देख रहे हैं।

ग्लोबल साउथ यानी लैटिन अमरीका, अफ्रीका और एशियाई महाद्वीप के गरीब एवं अविकसित देशों की परेशानियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश करने की नीति भारत ने अपनाई है। इसे अफ्रीकी देशों का बड़ा समर्थन प्राप्त हो रहा है। ऐसे में अफ्रीकी देशों के साथ भारत का व्यापार बढ़ रहा हैं। कोरोना के दौर में अफ्रीकी देशों के ‘वैक्सीन’ की सप्लाई करने के लिए भारत ने पहल की थी। अफ्रीका में भारत का निवेश यहां के देशों का विकास करने वाला एवं इससे किसी भी तरह का खतरा निर्माण ना करने वाला एवं सुरक्षित है, यह विश्वा अफ्रीकी देशों में विकसित हो रहा हैं। इसका भारत और अफ्रीकी देशों के संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव बन रहा हैं।

ऐसी स्थिति में भारत ने अफ्रीकी देशों से शुरू सहयोग व्यापक करने की गतिविधियां शुरू की हैं और विदेश मंत्री जयशंकर के टांझानिया दौरे में यह मुद्दा नए से रेखांकित हुआ। भारत और ‘पैन अफ्रीका’ मुक्त व्यापार समझौता जैसे ही होता हैं, उसके बाद यहां पर भारत के व्यापार के प्रवेशद्वार की तरह टांझानिया काम करेगा, यह दावा जयशंकर ने किया। इससे अफ्रीकी महाद्वीप के साथ भारत मुक्त व्यापारी समझौता करके आर्थिक भागीदारी विकसित करने की कोशिश में होने की बात दिख रही है।

भारत ने अबतक करीबन ४२ अफ्रीकी देशों को ३२ अरब डॉलर कर्ज मुहैया किया है। इसके साथ ही अफ्रीकी देशों को भारत से बड़ी मात्रा में तकनीक एवं शिक्षा संबंधित सहायता प्रदान कर रहा हैं। अफ्रीकी देशों को अनाज़, धान, दवांइयां और अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति करने के लिए भारत ने पहल की थी। इन सभी के मद्देनज़र करीबी समय में भारत का प्रभाव अफ्रीकी महाद्वीप पर काफी बढ़ेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत प्राप्त होने लगे हैं।

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