‘नो मनी फॉर टेरर’ का अंतरराष्ट्रीय दफ्तर स्थापित करके भारत आतंकवाद विरोधि युद्ध का नेतृत्व करेगा

नई दिल्ली – तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ परिषद का समापन करते हुए भारत ने देश में इस संगठन के अंतरराष्ट्रीय दफ्तर स्थापित करने के संकेत दिए हैं। इस परिषद में ‘फाइनान्शियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ने इसके लिए भारत कर रही पहल का स्वागत करके इसे सहयोग देना स्वीकार किया है। इसकी वजह से आतंकवाद विरोधी वैश्विक जंग में भारत अहम भूमिका निभाता दिखाई दे रहा है।

‘नो मनी फॉर टेरर’नई दिल्ली में आयोजित ‘नो मनी फॉर टेरर’ परिषद का समापन करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा ने सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ सख्त भूमिका अपनाने का आवाहन किया। ‘आतंकवाद विरोधी जंग में भारत को काफी बड़ी सफलता प्राप्त हुई है और देश ने आतंकवाद को बिलकुल भी बर्दाश्त ना करने की आक्रामक नीति अपनाई है। इसके लिए आतंकवाद विरोधी सख्त कानून और सुरक्षा यंत्रणाओं को अधिक अधिकार देने की नीति के कारण भारत में आतकियों की हरकतों में काफी कमी आई। साथ ही आतंकी हरकतों में शामिल लोगों पर सख्त कार्यवाही करने की नीति का असर भारत में दिखाई दे रहा है’, यह बयान भी केंद्रीय गृहमंत्री ने इस दौरान किया।

‘आतंकवाद तो आतंकवाद ही होता है, इसका किसी भी तरह से समर्थन करना संभव ही नहीं है। इसलि से राजनीतिक मतभेदों ऊपर उठकर सबको सभी ठिकानों पर हर तरह की स्थिति में आतंकवाद के खिलाफ लड़ना ही चाहिये’, ऐसी उम्मीद विदेश मंत्री जयशंकर ने इस परिषद में व्यक्त की। आतंकवाद विरोधी जंग से भारत कभी भी पीछे नहीं हटेगा, ना ही इससे समझौता करेगा, देश का यह निर्धार इस दौरान विदेश मंत्री ने व्यक्त किया। साथ ही आतंकियों ने प्रगत तकनीक का इस्तेमाल करना शुरू करने से इनसे होने वाला खतरा अधिक बढ़ा है, इस पर भी विदेशमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

बुरे लोग वैश्विक स्तर पर विचार करके एकजुट होकर निर्णय करते हैं और दुर्भाग्यवश अच्छे लोग सिर्फ अपने देश का ही सोचते हैं, ऐसी फटकार लगाकर विदेशमंत्री ने आतंकवाद की समस्या को अनदेखा कर रहे देशों को फटकार लगायी। इससे बचकर पूरे विश्व को आतंकवाद के खिलाफ एकमतता से आवाज़ उठानी चाहिए, ऐसी मांग विदेशमंत्री जयशंकर ने की। इसी बीच, नई दिल्ली में ‘नो मनी फॉर टेरर’ का दफ्तर शुरू करने के लिए भारत की यह कोशिश ध्यान आकर्षित कर रही है और इसकी वजह से आतंकवाद विरोधी वैश्विक लड़ाई में भारत की भूमिका बड़ी अहम होगी।

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