श्रीनगर में ‘जी २०’ की बैठक शुरू

श्रीनगर – चीन, तुर्की और सौदी अरब इन देशों ने श्रीनगर में आयोजित ‘जी २०’ बैठक में शामिल होने से इनकार किया है। फिर भी जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में ‘जी २०’ की इस बैठक की बड़े जोरों शोरों से शुरूआत होती दिखाई दे रही है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं, यही बात इस बैठक का आयोजन करके भारत ने पूरे विश्व को दिखाया है। साथ ही कुछ देशों ने बहिष्कार करने के बावजूद भी इस बैठक की सफलता पर इसका असर नहीं हुआ है, यही संदेश भारत ने चीन और तुर्की जैसे देशों को पहुंचाया है। 

‘जी २०’जम्मू-कश्मीर विवादित क्षेत्र हैं, यह दावा करके चीन ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार किया था। इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में आयोजित ‘जी २०’ की बैठक पर भी चीन ने इसी तरह से बहिष्कार किया था। लेकिन, भारत ने इसपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था। श्रीनगर में आयोजित इस बैठक में चीन की अनुपस्थिति को भी भारत ने ज्यादा अहमियत नहीं दी है। साथ ही तुर्की और सौदी अरब ने इस बैठक से पीछे हटने के बावजूद इस बैठक की बड़ी जोरदार शुरूआत होती दिख रही है।

इसमें स्थानिय लोगों का उत्साह भी काफी बड़ा योगदान है। कश्मीर की जनता पर भारत अत्याचार कर रहा हैं, ऐसी फिजूल बयानबाज़ी पाकिस्तान जैसा देश लगातार करता रहा हैं। कुछ समय तक भारत विरोधी शक्तियों ने पाकिस्तान के इन आरोपों को अहमियत भी दी थी। लेकिन, ‘जी २०’ को प्राप्त हो रहे स्थानिय लोगों के समर्थन के मद्देनज़र भारत विरोधी दुष्प्रचार को जोरदार जवाब मिलता दिख रहा है, ऐसा बयान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया है।

‘जी २०’ के सदस्य देशों का शिष्टमंड़ल श्रीनगर पहुंचा हैं और इसमें शामिल सभी लोग अपनी ही आंखों से वहां की स्थिति देख रहे हैं, इसपर सिंह ने ध्यान आकर्षित किया। जम्मू-कश्मीर में विकास की गति तेज़ हुई हैं और इस वजह से स्थानिय लोगों का उत्साह अधिक बढ़ा है। हमें विकास चाहिये, आतंकवाद नहीं, ऐसे नारें यहां के युवक लगा रहे हैं। इसी दौरान पाकिस्तान से हमारा कुछ भी लेना-देना नहीं हैं, यह बयान भी कश्मीरी युवा ड़टकर कह रहे हैं। इसके साथ ही उनके यहा किए गए विकास के फोटो और वीडियोज्‌‍ सोशल मीडिया पर शेअर करके कश्मीर छात्र पाकिस्तान को तमाचा जड़ रहे हैं।

यह पुरी स्थिति ‘जी २०’ देशों के सामने ना आ सके, इसके लिए पाकिस्तान ने कड़ी कोशिश की थी। इसके बावजूद चीन, तुर्की और सौदी के अलावा अन्य किसी भी देश ने इसके समर्थन में प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं की है। चीन ने श्रीनगर की बैठक से पीछे हटना यानी पिछले कुछ दिनों से भारत ने अपनाई आक्रामक नीति पर सामने आयी प्रतिक्रिया होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

वहीं, तुर्की और सौदी को मज़बूरी में पाकिस्तान के पक्ष में प्रतिक्रिया देते दिख रहे हैं। लेकिन, आगे यह दोनों देश पाकिस्तान को इस तरह की प्रतिक्रिया दर्ज़ करके भारत को नाराज़ करने का खतरा नहीं उठाएंगे, ऐसा पाकिस्तानी विश्लेषक ही कह रहे हैं।

‘जी २०’ के सदस्य देशों में से स्पेन, सिंगापूर, मॉरिशस, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और ब्राज़ील इन देशों ने जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को लेकर भारत के साथ बातचीत करने की खबरें भी सामने आ रही हैं। 

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