प्रिगोझिन के विद्रोह की पूर्व सूचना अमरीका को पहले ही प्राप्त हुई थी – अमरिकी अखबार का दावा

वॉशिंग्टन – वैग्नर ग्रुप के प्रमुख प्रिगोझिन बगावत करने की तैयारी में होने की जानकारी अमरिकी गुप्तचर संस्था को पहले ही प्राप्त हुई थी। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन और वरिष्ठ अधिकारियों को बुधवार के दिन ही इस मुद्दे पर ब्रिफिंग मिली थी, ऐसा अमरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाईम्स ने कहा है। अमरिकी गुप्तचर अधिकारी के दाखिले से इस अखबार ने यह दावा किया। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन को भी एक दिन पहले ही प्रिगोझिन के विद्रोह की तैयार शुरू होने की जानकारी प्राप्त हुई थी, ऐसा इस अखबार ने कहा है। 

प्रिगोझिनवैग्नर ग्रुप के विद्रोह की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद रशिया के विदेश मंत्रालय ने इसपर सभी पश्चिमी देशों को सख्त चेतावनी दी थी। रशिया की अंदरुनि स्थिति का लाभ उठाने का विचार भी रशिया से ड़रे पश्चिमी देश ना करें। ऐसी कोशिश सफल नहीं हो सकती, यह चेतावनी भी रशियन विदश मंत्रालय ने दी थी। इसके अलावा रशिया विरोधी ऐसी हरकतों पर उसी भाषा में प्रत्युत्तर देने के संकेत भी रशिया के विदेश मंत्रालय ने दिए थे।

इस पृष्ठभूमि पर द न्यूयॉर्क टाईम्स में प्रिगोझिन के विद्रोह से संबंधित जानकारी अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं को पहले ही प्राप्त हुई थी, ऐसा दावा किया जा रहा है। प्रिगोझिन को रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने ही बड़ा किया। प्रिगोझिन यह पुतिन के सबसे भरोसेमंद सहयोगी थे। इसके बावजूद प्रिगोझिन ने ही रशियन राष्ट्राध्यक्ष के खिलाफ बगावत की, इस मुद्दे पर अमरिकी माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इसके साथ ही आगे के दिनों में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और प्रिगोझिन के बीच नया संघर्ष शुरू होकर रहेगा, ऐसा दावा अमरिकी माध्यम करने लगे हैं।

पुतिन ने प्रिगोझिन को विश्वासघाती देशद्रोही बताया है। इस वजह से उन्हें सज़ा दिए बिना पुतिन शांत नहीं रहेंगे, बेलारूस में प्रिगोझिन को ‘हटाया’ जाएगा ऐसा दावा अमरिकी वृत्तसंस्था ने किया है। प्रिगोझिन के विद्रोह के कारण बड़े सख्त नेता के तौर पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की बनी छवि को नुकसान पहुंचा है, ऐसा कुछ विश्लेषक कह रहे हैं। इस वजह से रशिया की अंदरुनि कमज़ोरी भी दुनिया के सामने आयी, ऐसा इनका कहना है।

इस वजह से फिलहाल विद्रोह खत्म करने में रशिया कामयाब हुई होने के बावजूद आगे के समय में रशिया में बगावत हो सकती हैं, ऐसी कड़ी संभावना भी कुछ विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं। यूक्रेन युद्ध के मोर्चे पर भी इसका असर हो सकता है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, रशियन जनता राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के समर्थन में खड़ी हैं और जनता के समर्थन के बिना ऐसे विद्रोह की कोशिश रशिया में कामयाब नहीं हो सकती, रशियन जनता को विश्वासघात पसंत नहीं हैं, ऐसा बयान कुछ वृत्तसंस्था बड़े विश्वास से कर रही है।

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