काराबाख की पहाड़ियों पर कब्ज़ा करने का अज़रबैजान की सेना का दावा – अमरीका और रशिया की प्रतिक्रिया

बाकू/मास्को/वॉशिंग्टन – नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में अज़रबैजान और आर्मेनिया की सेनाओं के संघर्ष में तीन सैनिक मारे गए। इस दौरान हुए संघर्ष में काराबाख की कुछ पहाड़ियों पर कब्ज़ा पाने का दावा अज़रबैजान कर रहा है। साथ ही आर्मेनियन सेना ने युद्धविराम का उल्लंघन किया है, यह आरोप अज़रबैजान ने लगाया है। भूतपूर्व सोवियत के देशों में हुए इस संघर्ष पर रशिया ने चिंता जताकर इस संघर्ष में अज़रबैजान के ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाया। अमरीका ने दोनों मध्य एशियाई देशों को शांति का आवाहन किया है।

काराबाखसोवियत रशिया के विघटन के बाद साल १९९४ में अज़रबैजान और आर्मेनिया में संघर्ष हुआ था। तब अज़रबैजान के नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र पर आर्मेनियन सेना ने कब्ज़ा किया था। तब से पिछले ३० सालों से यह क्षेत्र विवादित माना जाता है। साल २०२० में इस विवादित क्षेत्र पर नियंत्रण पाने के लिए अज़रबैजान और आर्मेनिया में संघर्ष हुआ था। तुर्की और पाकिस्तान की सेनाओं का समर्थन पाकर अज़रबैजान ने इस संघर्ष में आर्मेनिया पर जीत हासिल की थी। रशिया ने इन दोनों देशों का युद्धविराम करके इस विवाद को मिटाने की कोशिश की थी।

काराबाखलेकिन, पिछले कुछ हफ्तों से इस क्षेत्र में तनाव बना था। बुधवार को नागोर्नो-काराबाख में अज़रबैजान और आर्मेनियन सेनाओं के संघर्ष में तीन लोग मारे गए। इनमें आर्मेनियन सेना के दो सैनिकों का समावेश होने की जानकारी सामने आ रही है। साथ ही इस संघर्ष में १४ आर्मेनियन सैनिक घायल हुए। अज़रबैजान ने आर्मेनियन सेना के कब्ज़े की पहाड़ियों पर नियंत्रण पाने का दावा किया है। साथ ही आर्मेनिया ने युद्धविराम का उल्लंघन किया है, यह आरोप भी अज़रबैजान के रक्षा मंत्रालय ने लगाया है।

लेकिन, अज़रबैजान ने ही दो साल पहले युद्धविराम का उल्लंघन करके इस क्षेत्र में हमलें किए, ऐसा आरोप रशिया के रक्षा मंत्रालय ने लगाया है। यहां के सारीयाबा पहाड़ी पर हुए संघर्ष के लिए पूरी तरह से अज़ेरी सेना ज़िम्मेदार होने की आलोचना रशिया ने की। इसी बीच यूक्रेन युद्ध में रशिया फंसी है और ऐसे में अज़रबैजान-आर्मेनिया का संघर्ष हमारे देश की चिंता बढ़ानेवाला साबित हो सकता है, ऐसा रशियन माध्यमों का कहना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.