अस्थिरता और अनिश्चितता के दौर में खतरों से बचकर वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास सुनिश्चित करना होगा – विदेश मंत्री एस.जयशंकर

ब्रुसेल्स – अस्थिरता और अनिश्चितता के इस दौर में वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बने खतरे कम करके विकास सुनिश्चित करने के लिए सही कदम उठाने होंगे, ऐसा भारत के विदेश मंत्री ने कहा है। भारत और यूरोपिय महासंघ के ‘ट्रेड ॲण्ड टेक्नॉलॉजी काउंसिल’ (टीटीसी) में विदेश मंत्री जयशंकर बोल रहे थे। कोरोना की महामारी के बाद वैश्विक उत्पादन का केंद्र समझे गए चीन में सभी कारखाने बंद हुए थे। इससे वैश्विक उत्पाद का भारी नुकसान हुआ था। इसकी याद ताज़ा करके विदेश मंत्री जयशंकर ने उत्पाद के लिए अधिक मज़बूत और भरोसेमंद सप्लाई चेन का निर्माण करने की आवश्यकता स्पष्ट की है। इसके लिए भारत सबसे अच्छा विकल्प है, यह मुद्दा जयशंकर ने यूरोपिय महासंघ से हुई चर्चा में फिर से स्पष्ट किया। 

‘टीटीसी’ में विदेश मंत्री जयशंकर, व्यापार मंत्री पियूष गोयल और आईटी क्षेत्र के मंत्री राजीव चंद्रशेखर शामिल हुए थे। इस तरह से टीटीसी के माध्यम से पहली बार मंत्री स्तर की बैठक का आयोजन हो रहा है और भारत एवं यरोपिय महासंघ का सहयोग इससे अधिक व्यापक होगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। भारत और यूरोपिय महासंघके रणनीतिक नज़रिये से काफी अहम स्तर के सहयोग पर इस दौरान हुई चर्चा में सहमति हुई। इसमें सेमीकंडक्टर्स के निर्माण के लिए आवश्यक समन्वय और सहयोग के मुद्दे का समावेश है। साथ ही डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निर्णय भी भारत-महासंघ ने किया है, यह भी ‘टीटीसी’ की इस बैठक में स्पष्ट हुआ।

इस अवसर पर बोलते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को होने वाले खतरों से सावधान रहने की चेतावनी दी। अस्थिरता और अनिश्चितता के दौर में आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने होंगे, ऐसा जयशंकर ने कहा। विश्व पर आर्थिक संकट टूटेगा, ऐसी चेतावनी दुनियाभर के आर्थिक विशेषज्ञ दे रहे हैं। इस आर्थिक संकट की तीव्रता वर्ष २००८ की मंदी से कई ज्यादा बड़ी होगी, ऐसा इशारा कुछ आर्थिक विशेषज्ञों ने किया है। ऐसी स्थिति में अस्थिरता और अनिश्चितता के खतरे से सावधान रहने की भारतीय विदेश मंत्री ने दी यह चेतावनी ध्यान आकर्षित करती है।

ऐसे समय में आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए अधिक भरोसेमंद, मज़बूत सप्लाई चेन की विश्व को ज़रूरत हैं। साथ ही डिजिटल क्षेत्र में विश्वास और पारदर्शिता आगे के समय में बड़े अहम होंगे, इसपर भी विदेश मंत्री जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया। यह दशक यानी ‘डिकेड’ को ‘टेकेड’ यानी प्रौद्योगिकी दशक के तौर पर पहचाना जाएगा। ऐसी स्थिति में डिजिटल प्रौद्योगिकी अधिक भरोसेमंद करने के अलावा अन्य विकल्प नहीं हैं, इसपर विदेश मंत्री जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया। भारत ने डिजिटल क्षेत्र में की हुई प्रगति का दाखिला जयशंकर इसके ज़रिये देते दिख रहे हैं।

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