केंद्रीय पेट्रोलियममंत्री के हाथों ५६ ‘सीएनजी स्टेशन्स’ जनता को समर्पित

नई दिल्ली – केंद्रीय पेट्रोलियम और नैसर्गिक वायूमंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ५६ नए ‘सीएनजी स्टेशन्स’ जनता को समर्पित किए। महाराष्ट्र समेत १३ राज्य और एक केंद्रशासित प्रदेश में इन सीएनजी स्टेशन्स का निर्माण किया गया है। बीते कुछ वर्षों में देश में सीएनजी की माँग में बढ़ोतरी हो रही है और सीएनजी स्टेशन्स की संख्या बढ़ाने की माँग भी लगातार हो रही है।

Pradhan-CNG-Stationपेट्रोल एवं डीज़ल की तुलना में सीएनजी कम दामों में उपलब्ध होता है और प्रदूषण कम करने के लिए भी सीएनजी उपयुक्त साबित हुआ है। सरकार भी सीएनजी के इस्तेमाल के लिए बढ़ावा दे रही है। इसी वजह से बीते कुछ वर्षों में सीएनजी का इस्तेमाल बढ़ाया गया है और सीएनजी स्टेशन की संख्या में बढ़ोतरी करने की लगातार कोशिश की जा रही है। छह वर्ष पहले देश में ९४७ सीएनजी स्टेशन्स मौजूद थे अब यही संख्या २,३०० हुई है, इस ओर पेट्रोलियममंत्री प्रधान ने ध्यान आकर्षित किया।

महाराष्ट्र के साथ गुजरात, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्‍चिम बंगाल, उत्तराखंड़, झारखंड़ इन राज्यों में सीएनजी स्टेशन्स का निर्माण किया गया है, तथा केंद्रशासित चंदिगड़ में भी सीएनजी केंद्र स्थापित किया गया है।

पेट्रोलियम और नैसर्गिक वायु नियामक बोर्ड के माध्यम से जल्द ही ११ वें ‘सीजीडी’ नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके बाद अतिरिक्त ५० से १०० ज़िलों को स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति करना मुमकिन होगा। गैस पर आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करने की दिशा में सरकार की कोशिश जारी है। इसके लिए १७ हज़ार किलोमीटर लंबी पाईप लाईन का निर्माण किया जा रहा है, यह जानकारी धर्मेंद्र प्रधान ने साझा की। देश के ईशान कोण भाग के राज्य और पूर्वी राज्य अब तक गैस की सुविधा से वंचित थे। लेकिन, इन स्टेशन्स का निर्माण होने से उन्हें भी गैस उपलब्ध होगा, यह बात भी पेट्रोलियमंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही।

देश में कूड़े से ऊर्जा निर्माण करने पर जोर दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रति व्यक्ति प्रदूषण की मात्रा काफी कम है। फिर भी, अक्षय ऊर्जा स्रोत का स्वीकार करके इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में काम शुरू हुआ है। प्रधान ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति के लिए कोशिशों की सराहना की।

ऊर्जा क्षेत्र में हो रहे सुधारों का लाभ उठाने का आवाहन भी उन्होंने कारोबारियों से किया। रीटेल आऊटलेटस्‌ का निर्माण करने के लिए २ हज़ार करोड़ रुपयों के लागत की आवश्‍यकता थी। लेकिन, अब इसके लिए २५० करोड़ रुपये लागत की आवश्‍यकता तय की गई है। स्टार्ट अप कंपनियां भी इसमें शामिल हो सकती हैं। खुद्रा ईंधन विक्रेता पारंपरिक ईंधन के साथ गैस स्टेशन्स और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए चार्जिंग स्टेशन्स भी शुरू कर सकते हैं, यह बात भी प्रधान ने साझा की।

देश में ईंधन की माँग लगातार बढ़ रही है। सबसे अधिक ईंधन का इस्तेमाल करनेवाले देश के तौर पर देश की पहचान बनी है। फिलहाल सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है और आनेवाले दिनों में ऊर्जा की माँग लगातार बढ़ती रहेगी। इसके लिए ऊर्जा और ईंधन क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना है। साथ ही शाश्‍वत, सुलभ और सभी लोगों के लिए संभव हो इतने कम कीमत का ईंधन, ऊर्जा उपलब्ध होना आवश्‍यक है और इसकी प्राप्ती के लिए कोशिश जारी होने की जानकारी प्रधान ने साझा की।

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