केंद्र सरकार से पेट्रोल एवं डीजल पर लगे कर में कटौती

नई दिल्ली – ईंधन के बढ़ते दामों से त्रस्त हुए भारतीयों को दिलासा देने वाली घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की है। सरकार ने लिया निर्णय की वजह से पेट्रोल एवं डीजल के दामों में ५ रुपयों की कटौती होगी, ऐसा वित्त मंत्री जेटली ने घोषित किया है। उस समय राज्य सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल पर ढाई रुपए कम किए जाए एवं ग्राहकों को दिलासा दिया जाए, ऐसा आवाहन केंद्रीय वित्त मंत्री ने किया है। महाराष्ट्र एवं गुजरात के साथ कई राज्यों ने इस आवाहन को प्रतिक्रिया दी है और अपने वेट में (वैल्यू ऐडेड टैक्स) में २.५ रुपयों की कटौती की घोषणा की है। दौरान कटौती किए करो की वजह से १०५०० करोड रुपए का नुकसान केंद्र सरकार को सहन करना होगा, ऐसी जानकारी वित्त मंत्री जेटली ने दी है।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दाम भडक रहे हैं और पिछले साढे चार वर्षों में ईंधन दामों में उच्चतम स्तर प्राप्त किया है। भारतीय ग्राहक इस ईंधन दामों के बढ़ोतरी की वजह से त्रस्त हुए हैं और सरकार द्वारा कर कटौती करके ग्राहकों को दिलासा दे, ऐसी मांग की जा रही थी। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दाम कम होते समय बढाये कर सरकार ने अब तक कायम रखे थे। इसकी वजह से ईंधन के दामों में बढ़ोतरी होने पर यह कर कम करके ग्राहकों को दिलासा देना, यह सरकार का कर्तव्य है, ऐसी मांग की जा रही थी। पर उसका सरकारी आय पर परिणाम होगा ऐसा कहकर केंद्र सरकार ने कर की कटौती का निर्णय लेने की बात टाली थी।

पर ईंधन के दाम बढ़ते समय सरकार यह दाम नियंत्रित रखने के लिए यह निर्णय लेने पर विवश होता दिखाई दे रहा हैं। उसके अनुसार केंद्रीय वित्तमंत्री ने इस निर्णय की घोषणा की है। केंद्रीय सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल पर अबकारी कर १.५ रूपयों से कम किया है और इंधन कंपनियों को १ रुपया का बोझ सहने की सूचना की है।

जिसकी वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम ढाई रुपयों से कम होने वाले हैं। राज्य सरकार भी ढाई रुपयों के वैट कम करके ग्राहकों को लीटर के पीछे ५ रुपयों की सहूलियत दे, ऐसा आवाहन वित्त मंत्री जेटली ने किया है। तथा केंद्र सरकार ने दिये इस निर्णय की वजह से वर्तमान वित्तीय वर्ष में १०५०० करोड रुपयों का नुकसान सहन करना होगा, ऐसी जानकारी वित्त मंत्री ने दी है।

महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, आसाम, हिमाचल प्रदेश इन राज्यों ने अपने राज्य में इंधन के वैट मे ढाई रुपए कम किए हैं। आने वाले समय में अन्य राज्य में भी ऐसे निर्णय की मांग जोर पकड़ने की गहरी आशंका है।

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