ब्रिटन में आयोजित परिषद में ‘एआई’ से जुड़े खतरों के विरोधी प्रस्ताव पर २८ देशों की सहमति – अमेरिका, इस्रायल, चीन, यूरोपिय महासंघ और भारत का भी समावेश

लंदन – आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स (एआई) प्रौद्योगिकी के खतरों को लेकर विभिन्न इशारें सामने आ रहे हैं। इसी बीच इस मुद्दे से जुड़ा पहला अंतरराष्ट्रीय प्रस्ताव पारित हुआ है। ब्रिटेन में आयोजित पहले ‘एआई सेफ्टी समिट’ में यूरोपिय महासंघ के साथ २७ प्रमुख देशों ने ‘ब्लेचली डिक्लरेशन’ को मंजूरी दी है। वैश्विक स्तर पर ‘एआई’ प्रौद्योगिकी से संबंधित किसी प्रस्ताव को मंजूरी प्राप्त होने का यह पहला अवसर हैं। ‘एआई’ से संबंधित खतरों से जुड़ा यह प्रस्ताव पारित हो रहा था तभी विश्व के शीर्ष उद्यमि एलॉन मस्क ने यह इशारा दिया है कि, एआई प्रौद्योगिकी मानव का संहार करने की संभावना शून्य से यकिनन अधिक है।

ब्रिटन में आयोजित परिषद में ‘एआई’ से जुड़े खतरों के विरोधी प्रस्ताव पर २८ देशों की सहमति - अमेरिका, इस्रायल, चीन, यूरोपिय महासंघ और भारत का भी समावेशपिछले साल ‘ओपन एआई’ कंपनी ने ‘चैट जीपीटी’ नामक ‘जनरेटिव एआई मॉडेल’ पेश किया था। इस मॉडेल का बढ़ता इस्तेमाल और इससे प्राप्त हो रहे जवाबों की पृष्ठभूमि पर ‘एआई’ के खतरे एवं इसके नियंत्र का मुद्दा चर्चा में उठा था। विश्व के प्रमुख देशों के साथ बहुराष्ट्रीय कंपनियां, शीर्ष उद्यमि, अभ्यास गुट एवं संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी एआई प्रौद्योगिकी के मुद्दे पर चिंता जताई थी।

मार्च महीने में अमेरिका स्थित ‘फ्युचर ऑफ लाइफ इन्स्टीट्यूट’ नामक अभ्यास गुट ने आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स क्षेत्र के खतरों के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खुला खत लिखा था। ‘एआई’ क्षेत्र के विशेषज्ञ एलिझर युडकोवस्की ने इस बीच यह चेतावनी दी थी कि, मानव ने यदि ‘सुपरह्युमन’ की तरह ‘स्मार्ट आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स’ का विकास किया तो धरती पर मानव जाति का विनाश अटल होगा। इस क्षेत्र के वरिष्ठ खोजकर्ता जॉफ्रे हिनटन ने भी यह आवाहन किया था कि, सभी देशों ने एकत्रित होकर ‘एआई’ मानवी समाज पर नियंत्रण नहीं पा सकेगा, इसका ध्यान रखना होगा। ब्रिटन में आयोजित परिषद में ‘एआई’ से जुड़े खतरों के विरोधी प्रस्ताव पर २८ देशों की सहमति - अमेरिका, इस्रायल, चीन, यूरोपिय महासंघ और भारत का भी समावेशअमेरिका के ज्येष्ठ कुटनीतिक हेन्री किसिंजर ने ड़र व्यक्त करते हुए यह कहा था कि, एआई प्रौद्योगिकी की वजह से आगे के सालों में मानव का स्थान मशिन्स प्राप्त करेंगी।

इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन में आयोजित पहली एआई सेफ्टी समिट ध्यान आकर्षित कर रही हैं। ब्रिटेन में इस परिषद के लिए एआई प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बढ़त प्राप्त करने वाले देश, कंपनियां और अन्य गुटों को निमंत्रित किया गया था। बुधवार के दिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषी सुनाक के नेतृत्व में आयोजित हुई इस बैठक में ‘एआई’ प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ इसके खतरे, नियंत्रण एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके बाद बैठक के लिए मौजूद देशों ने ‘एआई’ संबंधित ‘ब्लेचली डिक्लरेशन’ को मंजूरी प्रदान की।

‘एआई’ प्रौद्योगिकी संबंधित पहले अंतरराष्ट्रीय प्रस्ताव ‘ब्लेचली डिक्लरेशन’ में इस तकनीक की तेज़ गति से हो रही प्रगति, पारदर्शिता, खतरे और राष्ट्रीय स्तरों की नीति जैसे मुद्दों का समावेश हैं। ब्रिटन में आयोजित परिषद में ‘एआई’ से जुड़े खतरों के विरोधी प्रस्ताव पर २८ देशों की सहमति - अमेरिका, इस्रायल, चीन, यूरोपिय महासंघ और भारत का भी समावेश‘एआई’ से जुड़े खतरे टालने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के सभी घटकों का एक-दूसरे से सहयोग ज़रूरी होने की बात इस प्रस्ताव में है। साथ ही ‘एआई’ के खतरों को लेकर जागृति और समझ बढ़ाना, इस तकनीक का इस्तेमाल करने वालों ज़िम्मेदारी का अहसास कराना, अधिक से अधिक पारदर्शिता रखने का भी ज़िक्र इसमें है।

इस परिषद की पृष्ठभूमि पर ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने यह चेतावनी दी है कि, ‘एआई’ प्रौद्योगिकी क्षेत्र के खतरों का दायरा वैश्विक महामारी एवं परमाणु युद्ध जितने तीव्रता का हो सकता हैं।

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