भारत और युरोपीय महासंघ के बीच १५ वीं शिखर बैठक शुरू

नई दिल्ली – ‘भारत और युरोपीय महासंघ प्राकृतिक साझेदार हैं। विश्व शांति और स्थिरता के लिए लोकतांत्रिक ताकतों के बीच यह साझेदारी बहुत महत्त्वपूर्ण है। वर्तमान वैश्विक स्थिति को देखते हुए भारत और युरोपीय महासंघ के बीच की इस साझेदारी का महत्त्व अधिक स्पष्ट रूप में सामने आ रहा है’, इन शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और युरोपीय महासंघ के बीच के सहयोग के महत्त्व को रेखांकित किया।

भारत और युरोपीय महासंघ

भारत और युरोपीय संघ के बीच १५ वीं शिखर बैठक बुधवार को शुरू हुई। इस व्हर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री मोदी बोल रहे थे। इस शिखर बैठक से पहले, मंगलवार को भारत और युरोपीय महासंघ के बीच के नागरिक परमाणु समझौते को अंतिम रूप दिया गया। तेरह साल की बातचीत के बाद इस नागरिक परमाणु करार का अंतिम मसौदा तैयार हुआ है।

भारत-युरोपीय महासंघ के बीच के संबंध मजबूत करने के लिए दीर्घकालीन रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उसी के साथ एक कृतियोजना तैयार करनी चाहिए, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है। ‘समग्रता, आंतर्राष्ट्रीय संस्थानों का आदर, स्वतंत्रता, पारदर्शिता ये सार्वत्रिक मूल्य भारत और संयुक्त राष्ट्र के लोकतंत्र का आधार है’, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप में कहा है।

साथ ही, कोरोना की आपत्ति के बाद, वैश्विक स्तर पर आर्थिक क्षेत्र में जो नया संकट निर्माण हुआ है, उसके लिए लोकतांत्रिक देशों के बीच अधिक से अधिक सहयोग की आवश्यकता है, ऐसा भी प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। इस समय प्रधानमंत्री ने युरोपीय देशों से, भारत में निवेश करने का और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का आवाहन किया।

भारत और युरोपीय महासंघ के बीच की इस शिखर बैठक में समुद्री सुरक्षा, व्यापार सहयोग, निवेश के साथ-साथ सीबीआई और युरोपोल के बीच सहयोग पर चर्चा होने वाली है। इस शिखर बैठक के बाद इस संबंध में कुछ महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ की जाने की संभावना है। इससे पहले मंगलवार को भारत और युरोपीय महासंघ के बीच नागरिक परमाणु समझौते को अंतिम स्वरूप दिया गया था। भारत और युरोपीय महासंघ परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इसके लिए यह समझौता बहुत महत्त्वपूर्ण साबित होगा।

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