रक्षादलों को ३०० करोड़ तक की ख़रीद के विशेष अधिकार

Armed-Forcesनई दिल्ली – लष्कर, वायुसेना तथा नौसेना को आवश्यक रक्षासामग्री की तेज़ी से ख़रीद करना संभव हों, इसलिए रक्षा मंत्रालय की ‘डिफेन्स अ‍ॅक्विझिशन कौन्सिल’ (डीएसी) की बैठक में बहुत महत्त्वपूर्ण निर्णय किया गया है। इसके अनुसार रक्षादल अपने विशेष अधिकार में ३०० करोड़ रुपयों तक की रक्षासामग्री की ख़रीद कर सकते हैं। इसके लिए सरकार से मंज़ुरी की आवश्यकता नहीं होगी। इससे रक्षासामग्री की ख़रीद शीघ्रतापूर्वक की जा सकती है।

लद्दाख की गलवान वैली में भारत और चीन के सैनिकों में हुए संघर्ष के बाद, रक्षासिद्धता बढ़ाने के लिए तेज़ी से फ़ैसलें किये जा रहे हैं। रक्षादलों को आवश्यक होनेवाली रक्षासामग्री की ख़रीद की जा रही है। यह ख़रीद अधिक तेज़ी से करने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंग की अध्यक्षता में संपन्न हुई ‘डीएसी’ की बैठक में रक्षादलों के विशेष आर्थिक अधिकार में बढ़ोतरी करने का फ़ैसला किया गया।

Armed-Forcesतीनों रक्षादल इस अधिकार के तहत ३०० करोड़ रुपयों तक की रक्षासामग्री की ठेंठ खरीद कर सकते हैं। इसके लिए किसी भी प्रकार की मर्यादा नहीं लगाई गई है। केवल, ईमर्जन्सी के समय रक्षादल अपने अधिकार में जो ख़रीद करेंगे, वह ३०० करोड़ से अधिक ना हों, इतना ही नियम लागू किया गया है। इस कारण, रक्षादलों के लिए आवश्यक ३०० करोड़ तक की रक्षासामग्री की ख़रीद, सरकार की मंज़ुरी के लिए नहीं रुकेगी। रक्षादलों को कम समय में यह सामग्री मिल सकेगी और वे उसका इस्तेमाल कर सकेंगे।

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