चीन ने ‘साउथ चायना सी’ में युद्धाभ्यास में किया ‘बॉम्बर्स’ का इस्तेमाल – अमरीका के साथ तैवान को चेतावनी देने का दावा

‘बॉम्बर्स’बीजिंग – चीन ने साउथ चायना सी में जारी युद्धाभ्यास के दौरान प्रगत बॉम्बर्स का इस्तेमाल किए जाने की जानकारी चीन के रक्षा विभाग ने सार्वजनिक की। अमरिकी विमान वाहक युद्धपोतों की बढ़ती मौजूदगी और तैवान की रक्षा तैयारी की दिशा में जारी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर चीनी बॉम्बर्स का समावेश ध्यान आकर्षित करता है। इस युद्धाभ्यास में ‘बॉम्बर्स’ का किया गया इस्तेमाल अमरीका के साथ तैवान को चेतावनी दिए जाने का दावा चीनी विश्‍लेषक एवं पूर्व सेना अधिकारी कर रहे हैं। इसी बीच, चीन ने ‘एम्फिबियस असॉल्ट शिप’ और ‘कॉम्बैट ड्रोन्स’ विकसित किए जाने की कोशिशें तेज़ करने की बात भी सामने आई है।

पिछले सप्ताह में चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी ने साउथ चायना सी क्षेत्र में लाईव फायर ड्रिल की शुरूआत की थी। ग्वांगडाँग प्रांत के निकटवर्ति समुद्री क्षेत्र में किए गए इस युद्धाभ्यास में चीन की वायुसेना, नौसेना एवं रॉकेट फोर्सेस के शामिल होने की बात कही जा रही है। चीन द्वारा साउथ चायना सी में आयोजित यह दूसरा युद्धाभ्यास है। इस युद्धाभ्यास से कुछ दिन पहले अमरिकी विमान वाहक युद्धपोत साउथ चायना सी में तैनात किए गए थे। तैवान ने भी अपनी रक्षा की मज़बूती दिखाने के लिए पांच दिन बड़ा युद्धाभ्यास किया था। इसकी वजह से चीन का यह युद्धाभ्यास अमरीका और तैवान के युद्धाभ्यास के प्रत्युत्तर में किए जाने की बात समझी जाती है।

‘बॉम्बर्स’

इसी युद्धाभ्यास में चीन के ‘एच-6जी’ और ‘एच-6जे’ यह प्रगत बॉम्बर्स रात के चरण में शामिल किए थे यह बात कही जा रही है। ड्रिल के दौरान इन विमानों ने समुद्री क्षेत्र में तय किए लक्ष्यों पर हमले करने के अलावा ‘लाँग रेंज रेडस्‌’ की कार्रवाई किए जाने की जानकारी चीन के रक्षा विभाग ने सार्वजनिक की है। चीन का यह युद्धाभ्यास साउथ चायना सी क्षेत्र में तनाव की स्थिति को अधिक बिगड़ने के संकेत देता है। इस युद्धाभ्यास की पृष्ठभूमि पर चीन अपनी युद्ध की क्षमता बढ़ाने की गतिविधियां तेज़ करने में जुटा है यह बात सामने आ रही है।

चीन ने ‘एम्फिबियस असॉल्ट शिप’ विकसित करने की योजना को गति दी है। इस प्रगत युद्धपोत पर लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर्स, सेना दलों के अलावा कॉम्बैट ड्रोन्स की भी तैनाती होगी, यह जानकारी सामने आई है। लड़ाकू विमानों को उड़ान भरने के लिए इस युद्धपोत को ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक लौंच सिस्टिम’ से लैस कराया जाएगा, यह जानकारी भी दी जा रही हैं। इस योजना को ‘प्रोजेक्ट एक्सएक्स 6’ नाम दिया गया है। इस नए वर्ग के युद्धपोतों के साथ चीन अगले दौर में ‘ड्रोन वॉरफेअर’ पर अधिक जोर देगा, यह जानकारी भी सामने आई है। चीन के राष्ट्रध्यक्ष शी जिनपिंग ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान वायुसेना को संबोधित करते समय ड्रोन्स में युद्ध की स्थिति बदलने की क्षमता होने बात कहकर इन ड्रोन्स पर ज़्यादा जोर देने की सूचना दी थी। चीन के प्रसार माध्यमों ने इससे संबंधित वृत्त प्रसिद्ध किया है।

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