चीन की वायु सेना का तैवान के हवाई क्षेत्र के निकट युद्धसराव

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

तैपेई – अमरिकी युद्धपोतों ने तैवान को दी भेंट की वजह से बेचैन हुए चीन ने तैवान के हवाई क्षेत्र के निकट बॉम्बर, लडाकू और गश्ती विमान रवाना करके अपना निषेध दर्ज किया है| इसमें कुछ भी विशेष नही है, यह युद्धाभ्यास का हिस्सा है, यह चीन ने कहा है| वही, चीन के इन विमानों को अपने हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोकने के लिए तैवान ने भी अपने लडाकू विमान रवाना करने का वृत्त प्रसिद्ध हुआ है|

दो दिन पहले चीन के ‘पिपल्स लिबरेशन एअर फोर्स’ के विमानों ने तैवान और फिलिपाईन्स के बीच की ‘बाशीची खाडी’ क्षेत्र में मंडराना शुरू किया| चीन के वायु सेना के ‘झियान एच-६ के’ बॉम्बर्स, ‘सुखोई सु-३०’ लडाकू विमान और ‘इलेक्ट्रॉनिक युद्ध’ एवं गश्ती के लिए उपयुक्त ‘शांक्सि वाय-९ जेबी’ विमान भी इस युद्धाभ्यास में शामिल हुई थी, यह तैवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है| चीन के ‘गुआँगदॉंग’ प्रांत के ‘ह्यूयॉंग हवाई अड्डे’ से इन विमानों ने उडान भरी थी, यह जानकारी प्राप्त हुई है, यह तैवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है|

साथ ही चीन की नौसेना की दो विध्वंसक भी इस सागरी क्षेत्र में गश्त कर रही थी, यह भी तैवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है| बाशी की खाडी से तैवान की सागरी और हवाई सरहद काफी नजदिक है| इस वजह से चीन के वायु सेना की यह गश्त तैवान के सुरक्षा के लिए चुनौती देने वाली है, यह आरोप करके तैवान ने अपने वायु सेना के लडाकू विमानों को चीन के विमानों के पीछे रवाना किया| तैवान के लडाकू विमान पहुंचते ही चीन के विमानों ने गश्त बंद करके वापसी की|

तैवान की कडी चीनविरोधक राष्ट्राध्यक्षा ‘त्साई ईंग-वेन’ इन पर राजनीतिक दबाव बनाने के लिए चीन ने अपने विमान रवाना किए थे, यह दावा तैवानी और पश्‍चिमी माध्यम कर रहे है| राष्ट्राध्यक्षा त्साई की नेतृत्व में तैवान अधिक आक्रामक बना है और तैवान ने अमरिका के साथ लष्करी सहयोग व्यापक किया है| इस सहयोग की पृष्ठभुमि पर अमरिका ने तैवान के खाडी क्षेत्र में युद्धपोत और विध्वंसक रवाना किए थे| नवंबर, दिसंबर इन लगातार दो महीनों में अमरिकी युद्धपोत तैवान में दाखिल हुई थी|

अमरिका और तैवान के बीच बने इस सहयोग पर चीन ने आपत्ति जताई थी| साथ ही तैवान यह अपना सार्वभौम भूभाग है, यह दावा करके चीन ने अमरिका को इस प्रदेश से दूर रहने की सूचना की थी| लेकिन चीन ने जताई इस आपत्ति की ओर नजरअंदाजी करके अमरिका ने तैवान के साथ लष्करी सहयोग अधिक मात्रा में बढाने पर जोर दिया है| इस का विरोध करने के साथ तैवान को चेतावनी देने के लिए चीन ने तैवान के हवाई क्षेत्र के निकट गश्त की है, यह दिखाई दे रहा है|

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