अंतरिक्ष क्षेत्र और रक्षा विभाग के लिए अमरीका ‘मिनी न्यूक्लिअर रिऍक्टर’ विकसित करेगी – राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प का अध्यादेश

वॉशिंग्टन – अमरीका ने अंतरिक्ष में संशोधन के लिए तथा रक्षा विभाग के लिए ‘मिनी न्यूक्लिअर रिऍक्टर’ विकसित करने की तैयारी शुरू की है। राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस संदर्भ में अध्यादेश जारी किया होकर, परमाणु ऊर्जा तथा उसके इस्तेमाल को अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा बताया है। इससे पहले अगस्त २०१९ में ट्रम्प ने ‘स्पेस न्यूक्लिअर सिस्टिम’ के लिए गतिविधियाँ शुरू करने के निर्देश दिये थे। उसके बाद पिछले ही महीने में अमरीका की अंतरिक्ष संस्था ‘नासा’ को, चाँद पर न्युक्लिअर रिऍक्टर का निर्माण करने की अनुमति दी गयी थी।

USA-Nuclear-Reactorअमरीका में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देना यह नये अध्यादेश का उद्देश्य है। यह करते समय ही, अमरीका के अंतरिक्ष संशोधन कार्यक्रम को पुनरुज्जीवित करना तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ऊर्जा के विभिन्न विकल्प उपलब्ध करा देने का लक्ष्य भी रखा गया है। अंतरिक्ष में संशोधन के लिए तथा रक्षाक्षेत्र के लिए छोटे न्युक्लिअर रिऍक्टर्स के माध्यम से परमाणुऊर्जा का इस्तेमाल करके, तंत्रज्ञान क्षेत्र में अमरीका का वर्चस्व बरक़रार रखने की कोशिशें तेज़ की जायेंगी’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपने अध्यादेश में कहा है।

USA-Nuclear-Reactorअमरीका के रक्षा विभाग द्वारा फिलहाल दो अलग अलग योजनाओं के तहत ‘मिनी न्यूक्लिअर रिऍक्टर’ विकसित करने की गतिविधियाँ जारी हैं। पिछले साल के मार्च महीने में ‘प्रोजेक्ट पेले’ के तहत रक्षा विभाग ने तीन कंपनियों को ‘मोबाईल न्यूक्लिअर रिऍक्टर प्रोटोटाईप’ पर काम शुरू करने का काँट्रॅक्ट जारी किया था। वहीं, दूसरी योजना के तहत, सन २०२३ तक ऊर्जा विभाग की सहायता से छोटे न्युक्लिअर रिऍक्टर का परीक्षण करने का लक्ष्य रखा गया है। अमरीका की परमाणुऊर्जा क्षेत्र की अग्रसर कंपनी होनेवाली ‘वेस्टिंगहाऊस’ इस कंपनी ने ‘इव्हिन्सी’ नामक ‘मायक्रो रिऍक्टर’ विकसित किया होकर, उसके परीक्षण जारी होने की बात बतायी जा रही है।

USA-Nuclear-Reactorपिछले ही महीने में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अंतरिक्ष संशोधन क्षेत्र के लिए महत्त्वपूर्ण ‘एसपीडी-६’ नीति घोषित की थी। इस नीति के तहत ‘स्पेस न्यूक्लिअर पॉवर अँड प्रॉपल्शन’ (एसएनपीपी) लागू करने की अनुमति दी है। इसके अनुसार, भविष्य में ‘स्पेस न्यूक्लिअर सिस्टिम’ पर आधारित अंतरिक्ष मुहिम चलाने पर ‘नासा’ काम करनेवाला है। वैकल्पिक ऊर्जास्त्रोत अपर्याप्त साबित हो रहे हैं; ऐसे में अंतरिक्ष मुहिमों के लिए अंतरिक्ष में ही परमाणु ऊर्जा पर आधारित अंतरिक्षयान प्रक्षेपण करने की नासा की योजना है। अमरीका की इस योजना की चीन एवं रशिया ने आलोचना की होकर, चाँद को परमाणु अस्त्रनिर्माण का केंद्र बनाने की योजना होने का आरोप किया गया था।

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