रशिया के वर्चस्व को धक्का देते हुए अमरीकी ईंधन लिथुआनिया में दाखिल

विल्नीअस/ वॉशिंगटन: रशिया के युरोप में ईंधन-वर्चस्व को धक्का देने के लिए अमरीका से शुरू प्रयत्नों को अधिक गति मिलने के संकेत मिल रहे हैं। २ दिनों पहले अमरीका से निकला नैसर्गिक ईंधन वायु का जहाज लिथुआनिया में दाखिल हुआ हैं। एक समय पर रशियन संघ राज्यों’ का भाग होने वाले देश में अमरीकी ईंधन दाखिल होना यह पहली ही बार हुआ है। लिथुआनिया यह अमरीकी ईंधन की आयात करने वाला युरोप का आठवां देश हो गया।

सोमवार को अमरीका के ‘चेनियर एनर्जी’ के ‘क्लीन ओशन’ यह ईंधन वाहु जहाज लिथुआनिया के क्लेपेड़ा बंदरगाह में दाखिल हुआ। इस संदर्भ में जून महीने में लिथुआनिया के कंपनी ने अमरीकी कंपनी से करार किया था। यह घटना संपूर्ण प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें अमरीका से अपने संबंध अधिक दृढ़ करने हैं। इस वजह से संरक्षण एवं सुरक्षा के व्यतिरिक्त ईंधन व्यापार यह सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तर होगा, इन शब्दों में लिथुआनिया के विदेशमंत्री लीना लिंके विसियस ने अमरीकी ईंधन जहाज का स्वागत किया।

लिथुआनिया यह देश एक समय पर ‘रशियन संघ राज्यों’ का भाग था। रशिया का लष्करी तल होने वाले कैलीनिनग्रैड के साथ लिथुआनिया की सीमा जुड़ी है। इस वजह से इस भाग में अमरीकी ईंधन जहाज का प्रवेश महत्वपूर्ण घटना मानी गई। युरोपीय देशों में दाखिल होने वाले अमरीकी ईंधन का यह जहाज रशिया के युरोप में ईंधन-वर्चस्व को शाह देने की योजना का भाग माना जा रहा है।

सन २०१४ में रशिया का यूक्रेन के साथ शुरू संघर्ष और युरोपीय देशों ने ईंधन के लिए अन्य विकल्प ढूंढने की क्रियाओ को गति दे रहा था। उसी समय अमरीका ने अपने ईंधन निर्यात का निर्बंध उठाते हुए युरोपीय देशों को नया विकल्प उपलब्ध कराया था। तब अमरीका में ‘शेल गैस रेवोलुशन’ की वजह से ईंधन बड़े पैमाने पर उपलब्ध हुआ और अमरिकन सरकार ने निर्यात को सहायता करने की नीति जारी की। इस वजह से पिछले २ सालों के कालखंड में २० से अधिक देशों अमरीका ने ईंधन निर्यात किया है, जिसमें युरोपीय देशों का बड़ा हिस्सा है।

अमरीका के इस सक्रियता के पीछे राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ऊर्जा क्षेत्र के लिये सकारात्मक निर्णय जिम्मेदार होते दिखाई दे रहे हैं। कुछ महीनों पहले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपने युरोप दौरे पर ‘थ्री सीज समिट’ नाम से बैठक ली थी। युरोपीय देशों को अमरीकी ईंधन सुरक्षा कि गारंटी देने का इस बैठक की के पीछे उद्देश्य माना जा रहा है। इस बैठक में ट्रम्प ने अमरीका युरोपीय देशों को आवश्यक तथा योग्य पैमाने पर ईंधन प्रदान करेगी यह आश्वासन भी दिया था।

अमरीका के इन प्रयत्नों पर रशिया ने नाराजगी व्यक्त की है। पर अमरीकी ईंधन की वजह से अपने युरोपीय बाजार पर विशेष परिणाम ना होने की बात कही है। कुछ दिनों पहले अमरीका ने युरोपीय देशों को मुफ्त ईंधन देने की बात की थी, फिर भी यह देश रशिया का युरोप में स्थान छीन नहीं सकता, इन शब्दों में रशिया के युरोपीय महासंघ के दूत व्लादिमीर चीझौवने कड़े बोल सुनाए है। उसी समय अमरीका में उत्पादित हो रहा ईंधन युरोपीय बाजार में अपर्याप्त रहेगा, यह दावा भी उन्होंने किया है।

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