अर्मेनियन और कुर्दों का नरसंहार करने में शामिल तुर्की इस्रायल को उपदेश ना दे – इस्रायली प्रधानमंत्री की तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष को फटकार

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरजेरूसलम/संयुक्त राष्ट्र – ‘इस्रायल पर आरोप कर रहे तुर्की के हाथ ही खून में भीगे है| कुर्दों का नरसंहार एवं पहले विश्‍वयुद्ध में अर्मेनियन लोगों का संहार करके आज भी इस सच्चाई से इन्कार कर रहा तुर्की मानव अधिकारों के मुद्दे पर इस्रायल को उपदेश ना दें| तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन झुठ का सहारा लेना छोड दे’, इन कडे शब्दों में इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने फटकार लगाई|

कुछ घंटे पहले ही तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा के व्यासपीठ से इस्रायल पर आलोचना की थी| ‘गाजापट्टी एवं वेस्ट बैंक इन दोनों हिस्सों के पैलस्टिनी नागरिकों से इस्रायल हिटलर के नाजीओं की तरह बर्ताव कर रहा है| दुनिया के किसी भी हिस्से में ना हो रहा है, ऐसा नरसंहार गाजा और वेस्ट बैंक में हो रहा है’, यह कहकर एर्दोगन ने गाजापर लगाए प्रतिबंधों पर आलोचना की थी|

साथ ही पिछले सात दशकों में इस्रायल न पूरी तरह से पैलस्टिन पर कब्जा किया है, यह आरोप भी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने रखा| इसके लिए एर्दोगन ने राष्ट्रसंघ की आमसभा में नक्शें पेश किए| तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने किए इन आरोपों पर इस्रायल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने करारा जवाब दिया| इस्रायल की गिनती हिटलर के नाजी के साथ कर रहे तुर्की ने खुद के इतिहास का ब्यौरा करें, ऐसा नेत्यान्याहू ने डटकर कहा|

पहले विश्‍वयुद्ध के दौरान तुर्की ने अर्मेनियन जनता का किया हत्याकांड और आज भी एर्दोगन सरकार से हो रहे कुर्दों के नरसंहार का दाखिला इस्रायल के प्रधानमंत्री ने दिया| वर्ष १९२० में तुर्की के ऑटोमन हुकूमत ने कम से कम १५ लाख अर्मेनियन लोगों की हत्या की थी| इसके अलावा इस संघर्ष में लाखों लोग बेघर हुए थे| ऐसे में तुर्की ने अपने दक्षिणी हिस्से में कुर्द बागियों की हत्याएं करवाई है और आज भी तुर्की के लडाकू विमान तुर्की और इराक की सीमा पर हमलें कर रहे है| इन हमलों में पांच हजार से अधिक कुर्द लोगों की मौत होने का दावा किया जा रहा है, इस ओर नेत्यान्याहू ने ध्यान आकर्षित किया| इस तरह जिस देश के हाथ खून से रंगे है, उन्हें दुसरे देश को उपदेश देने का जरा भी अधिकार नही है, इस बात पर नेत्यान्याहू ने ध्यान आकर्षित किया|

इससे पहले भी तुर्की और इस्रायल के बीच इस तरह से संघर्ष हुआ था और दोनों देशों ने नेताओं ने एक दुसरे के विरोध में गंभीर आरोप लगाए थे| फिलहाल पैलस्टिन का पक्ष लेकर इस्रायल पर कडे आरोप करने का सिलसीला ही तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने लगाए| इसके पीछे एर्दोगन इनकी इस्लामी दुनिया का नेतृत्व करने की महत्वाकांक्षा होने के दावे हो रहे है|

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