अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को विघटित करने की जरूरत है – रशियन बैंक के प्रमुखों ने रखी मांग

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमास्को – आर्थिक व्यवहारों की जांच करनेवाले बड़ी संस्थाए अथवा उपक्रम के बारे में अपना मत प्रस्तुत नहीं करना है| बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसी जागतिक संस्था हमेशा के लिए बंद करनी चाहिए| उन्हें कार्यरत रहने का अधिकार नहीं, ऐसा मुझे लगता है, ऐसे सीधे शब्दों में रशिया के एस्बर बैंक के प्रमुख हरमन ग्रेफ ने मुद्रा कोष हमेशा के लिए बंद होनी चाहिए, ऐसी सीधी मांग की है| पिछले वर्ष यूरोपीय महासंघ में कई प्रमुख देशों ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का विकल्प ढूंढने की तैयारी शुरू करने के संकेत दिए थे| इस पृष्ठभूमि पर रशिया के प्रमुख बैंक के प्रमुख ने किया विधान ध्यान केंद्रीत कर रहा है|

जागतिक स्तर पर कई देशों की वित्त व्यवस्था का अभ्यास करनेवाले एवं उनपर ध्यान रखनेवाली मुद्रा कोष जैसी संस्था में किसी भी प्रकार के सुधार के अवसर नहीं दिखाई देते, ऐसा आरोप भी रशिया के एस्बर बैंक के प्रमुख हरमन ग्रेफ ने किया है| पिछले अनेक वर्षो से मुद्राकोष जैसे उपक्रम में सुधार के बारे में चर्चा शुरु है, पर उसे कार्यान्वित नहीं किया गया है, इसका अहसास ग्रेफ ने दिलाया है|

दुनिया के किसी भी देश पर आर्थिक संकट आया तो मुद्रा कोष वह समस्या सुलझाने के लिए पुरानी पद्धति का उपयोग करता है| जिसकी वजह से अब अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्था को भी मुद्रा कोष पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है, ऐसे शब्दों में रशियन बैंक के प्रमुख ने मुद्रा कोष पर आलोचना की है| उस समय उन्होंने रशियाने भी सोवियत संघ राज्य के विघटन के बाद तैयार हुए आर्थिक संकट से बाहर निकलने के लिए मुद्रा कोष की सहायता ली थी, इसकी याद उन्होंने दिलाई है|

पर मुद्रा कोष से सहायता स्वीकारते हुए उनके कड़े नियमों का पालन करने के लिए रशिया ने इंकार किया था| ऐसा करने के बाद भी रशिया ने दिए अवधि से पहले लगभग ३ वर्ष पहले ही मुद्रा कोष के अरबों डॉलर्स का कर्ज चुकाने में सफलता प्राप्त की थी, इसकी तरफ एस्बर बैंक के प्रमुख ने ध्यान केंद्रित किया है| कुछ दिन पहले रशिया ने अपने वित्त व्यवस्था पर लगे सभी प्रकार के विदेशी कर्ज चुकाने की जानकारी सामने आई थी|

पिछले वर्ष यूरोप के कुछ नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ अन्य जागतिक वित्तसंस्था पर अमरिका के बढ़ते प्रभाव के बारे में नाराजगी व्यक्त की थी| इसमें जर्मनी के वित्तमंत्री हायको मास का समावेश था| अमरिका उनके हितसंबंध संभालने के लिए मुद्रा कोष के साथ अन्य संस्थाओं में लगातार हस्तक्षेप करती है, ऐसा दावा जर्मन वित्तमंत्री ने किया था| अमरिका की इन धौंसियो को प्रत्युत्तर देने के लिए यूरोप स्वतंत्र मुद्रा कोष के निर्माण करने की तैयारी में होने के संकेत दिए जा रहे थे|

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