जेरूसलम की सुरक्षा तुर्की के लिए ‘रेड लाईन’ – तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरइस्लामाबाद: ‘जेरूसलम की सुरक्षा तुर्की के लिए ‘रेड लाईन’ है| इस्लाम धर्मियों का यह पावन शहर तुर्की कभी भी इस्रायल की सरकार के वर्चस्व में जाने नही देगा’, यह ऐलान तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने किया है| पाकिस्तान की संसद में बोलते समय तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने अमरिका ने पेश किए ‘पीस प्लैन’ पर फटकार लगाई| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने किया ‘डिल ऑफ सेंच्युरी’ का ऐलान यानी पैलेस्टाईन पर कब्जा करने का प्रस्ताव साबित होता है’, ऐसी कडी आलोचना भी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने की|

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन दो दिन पाकिस्तान की यात्रा कर रहे है| इस दौरान उन्हों ने पाकिस्तान की संसद में बोलते समय पैलेस्टाईन और कश्मीर मुद्दे को लेकर अरब देशों की आलोचना की| इनमें से पैलेस्टाईन के मुद्दे पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने रखा प्रस्ताव असल में पैलेस्टाईन पर कब्जा करने का प्रस्ताव होने का आरोप एर्दोगन ने किया| ‘अमरिका के इस प्रस्ताव के कारण खाडी क्षेत्र में शांति स्थापित नही होगी’, यह दावा भी एर्दोगन ने किया|

कुछ दिन पहले अमरिकी प्रशासन ने ‘डिल ऑफ द सेंच्युरी’ का ऐलान किया था| पर, यह योजना वेस्ट बैंक खारिज करनेवाली एवं वहां पर इस्रायल ने बनाई अवैध बस्ती को सार्वभूम अधिकार प्रदान करनेवाली है’, यह कहकर एर्दोगन ने अमरिका की योजना पर ही सवाल किया| साथ ही ‘इस्रायली घुसपैठियों के लिए टेंपल माउंट प्रार्थनास्थल पर कब्जा कमजोर होने नही देंगे’, यह घोषणा भी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने की|

इससे पहले भी वेस्ट बैंक पर नियंत्रण पाना, उसके टुकडे करना और तबाही मचाने के अमरिका के प्लैन तुर्की ने सफल नही होने दिए थे और आज भी सफल नही होंगे| इसके आगे भी तुर्की ऐसी योजनाओं पर जोरदार जवाब देता ही रहेगा, यह बात एर्दोगन ने स्पष्ट की| साथ ही अन्य इस्लामी देशोंने अमरिका के इस ‘पीस प्लैन’ पर आलोचना ना करने से तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने गुस्सा व्यक्त किया|

पाकिस्तान की संसद में बोलते समय उन्होंने कश्मीर का मसला पाकिस्तान की तरह ही तुर्की के लिए भी अहम होने की बात कहकर इस मुद्दे पर उन्होंने भारत को उकसानेवाली बयानबाजी की| पिछले कुछ वर्षों से तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष इस्लामी दुनिया का नेतृत्व करने के सपने देख रहे है और उसी कारण उन्होंने आक्रामक गतिविधियां शुरू की है| इसके लिए ईरान, पाकिस्तान और कतार की सहायता प्राप्त करने के लिए एर्दोगन कडी कोशिश कर रहे है| इसी वजह से पैलेस्टाईन और कश्मीर का मुद्दा उठाकर वह इस्लामधर्मी देशों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करते दिखाई दे रहे है|

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