अमरीका के राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार मायकल फ्लिन का इस्तीफा; नियुक्ति से पहले रशियन राजदूत से की चर्चा का परिणाम

वॉशिंग्टन, दि. १४ : राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कुछ हफ्ते पहले नियुक्त किये ‘राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार ‘जनरल मायकल फ्लिन’ को अपना इस्तीफा देना पड़ा है| रक्षा सलाहकार का पदभार स्वीकारने से पहले फ्लिन ने रशियन राजदूत के साथ चर्चा की होने के कारण विरोधको ने फ्लिन की कड़ी आलोचना की थी| साथ ही, ‘राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के रक्षा सलाहकार अमरीका में रशिया की नीति चला रहे हैं’ ऐसा इल्ज़ाम भी रखा गया था| इस विवादास्पद पृष्ठभूमि पर, फ्लिन ने अपने पद से इस्तीफा दिया| उनकी जगह ‘किथ केलॉग’ का ‘रक्षा सलाहकार’ के पद पर अस्थायी रूप में चयन किया गया है|

मायकल फ्लिनफ्लिन ने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को लिखे अपने इस्तीफे में, रशिया के साथ साथ विदेशी राजदूत, राजनयिक अधिकारी और रक्षा सलाहकारों से भी चर्चा की थी, ऐसा कहा है| ‘राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार’ पद पर चयन होने के बाद इस प्रकार से विदेशी अधिकारियों के साथ चर्चा करनी पड़ती है| सत्ता पर आनेवाली सरकार का अगला कारोबार सुचारु रूप से चलें, इसके लिये इस प्रकार की चर्चा की ज़रूरत रहती है| इसलिए, अपनी इस चर्चा में कुछ गलत नहीं था, ऐसा खुलासा फ्लिन ने किया है|

लेकिन अनजाने में रशियन राजदूत के साथ हुए फोन कॉल्स के बारे में उपराष्ट्राध्यक्ष नियुक्त ‘माईक पेन्स’ और अन्य अधिकारियों को मेरे द्वारा अधूरी जानकारी दी गई, ऐसा कहकर फ्लिन ने, इस बारे में मैंने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प से माफी माँगी, ऐसा स्पष्टीकरण दिया है| राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने फ्लिन का इस्तीफ़े का स्वीकार किया है| उनका पद फिलहाल रिक्त रखा है|

ट्रम्प के चुनाव प्रचार में फ्लिन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी| उनका ‘राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार’ पद पर चयन करने के बाद, अमरीकन मीडिया ने फ्लिन को लक्ष्य बनाना शुरू किया था| फ्लिन रशिया समर्थक हैं, ऐसा आरोप अमरीका की अग्रणी मीडिया ने किया था| साथ ही, रशियन राजदूत ‘सर्जेई किस्लियाक’ के साथ हुई चर्चा को लेकर भी ‘द न्यूयॉर्क टाईम्स’, ‘द वॉशिंग्टन पोस्ट’ इन अखबारों ने फ्लिन को निशाना बनाया था|

इससे पहले के ओबामा प्रशासन ने, युक्रेन मसले को लेकर रशिया पर जारी किए प्रतिबंध कम करने के बारे में फ्लिन ने रशियन राजदूत के साथ चर्चा की थी, ऐसा मीडिया ने कहा था| इस कारण विरोधकों ने फ्लिन के इस्तीफे की माँग तीव्र की थी| वहीं, ‘किस्लियाक’ के साथ हुई चर्चा के बारे में फ्लिन ने झूठी जानकारी देने के कारण उपराष्ट्राध्यक्ष पेन्स खफा हुये थे, ऐसा दावा अमरिकी मीडिया ने किया था| लेकिन फ्लिन और अपने राजदूत के बीच आम चर्चा हुई थी और फोन पर हुई इस चर्चा में प्रतिबंध का मसला कहीं नहीं था, ऐसा रशियन सरकार ने कहा है|

इसी दौरान, फ्लिन का इस्तीफा यह राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के लिये बड़ा झटका माना जाता है| वहीं, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के विरोधक और उनकी आलोचना करनेवाली मीडिया की यह बड़ी जीत है, ऐसा दावा अमरिकी सेना के विश्‍लेषक ‘मायकल मलूफ’ ने किया है|

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