शत्रु की राड़ार यंत्रणा को लक्ष्य करनेवाले ‘रूद्रम’ का परीक्षण

भुवनेश्‍वर – शत्रु की राड़ार यंत्रणा को ध्वस्त करनेवाली ‘ऐंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-१’ का बुधवार को लड़ाकू ‘सुखोई-३०’ विमान से सफल परीक्षण किया गया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किए हुए इस प्रगत मिसाइल की वजह से शत्रु की हवाई सुरक्षा तबाह करने की क्षमता भारतीय वायुसेना को प्राप्त होगी, यह दावा किया जा रहा है। ‘रूद्रम’ पूरी तरह से भारतीय निर्माण का पहला ‘ऐंटी रेडिएशन मिसाइल’ है। इस सफलता पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ‘डीआरडीओ’ का अभिनंदन किया है।

rudram-testबीते कुछ दिनों में भारत ने छह विभिन्न मिसाइलों का परीक्षण किया और अपने लष्करी सामर्थ्य का प्रदर्शन किया है। शुक्रवार को ओड़िशा के वीलर द्विप से ‘रूद्रम-१’ का सफल परीक्षण किया गया। इस दौरान यह मिसाइल लड़ाकू ‘सुखोई-३०’ विमान से छोड़ी गई। अगले दिनों में मिराज, जैग्वार इन लड़ाकू विमानों से भी इस मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा, यह जानकारी सामने आ रही है।

‘डीआरडीओ’ भारतीय रक्षाबलों के लिए प्रगत हथियार विकसित कर रही है। ‘डीआरडीओ’ ने विकसित किए ‘न्यू जनरेशन वेपन्स’ में से ‘रूद्रम’ भी एक है। ‘रूद्रम’ मिसाइल ध्वनि से दुगनी गति से धावा बोल सकती है। रूद्रम की सहायता से काफी दूरी पर स्थित लक्ष्य को सटीकता से निशाना करना संभव होगा। वायुसेना के लिए तैयार की गई यह बड़ी प्रभावी मिसाइल है और यह मिसाइल शत्रु की राड़ार यंत्रणा एवं संपर्क के ठिकानों को नाकाम करने की क्षमता रखती है।

साथ ही यह मिसाइल २५० किलोमीटर की मारक क्षमता भी रखती है। इससे शत्रु की हवाईसुरक्षा नाकाम करने की क्षमता भारतीय वायुसेना ने प्राप्त की है। इससे शत्रु की सीमा में काफी अंदर घुसकर हवाई यंत्रणा को नाकाम करना संभव होगा, यह बात वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कही है।

इसी बीच लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने के बाद भारत ने विभिन्न मिसाइलों का परीक्षण किया है। भारत ने ‘एलएसी’ पर निर्भय मिसाइल तैनात की है। इसके साथ ही अब चीन की सीमा पर ‘शौर्य’ मिसाइल तैनात करने के लिए मंजूरी प्राप्त हुई है। भारत की यह गतिविधियां शत्रु के दिल की धड़कन बढ़ानेवाली होने की बात विश्‍लेषक कह रहे हैं।

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