भारतीय वायुसेना शत्रु को उन्हीं की भाषा में उत्तर देने के लिए सक्षम – वायुसेनाप्रमुख आर.के.एस.भदौरिया

हिंडन – भारतीय संस्कृति में शांति की अहमियत है और यह शांति बरकरार रखने के लिए वायुसेना हर तरह की कोशिश करेगी। लेकिन, शत्रु से संघर्ष करने का समय आता है तो हम क्या कर सकते हैं, इसकी क्षमता भारतीय वायुसेना ने दिखाई है। लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर वायुसेना के वीरों ने अपनी युद्ध तैयारी दिखाई है। भारतीय वायुसेना ने कम समय में इस जगह पर तैनाती की है और देश की रक्षा के लिए वायुसेना हर स्थिति में तैयार रहेगी, यह ऐलान भारत के वायुसेनाप्रमुख एअर चीफ मार्शल आर.के.एस.भदौरिया ने किया। दो दिन पहले ही वायुसेनाप्रमुख ने चीन और पाकिस्तान, ऐसे दो मोर्चों पर युद्ध करने के लिए भारतीय वायुसेना तैयार होने का ऐलान किया था। इसी बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायुसेना को स्थापना दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं प्रदान कीं।

आर.के.एस.भदौरिया

भारतीय वायुसेना के ८८ वें स्थापना दिवस के अवसर पर गुरूवार को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित हिंडन हवाई अड्डे पर विशेष समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान वायुसेनाप्रमुख ने भविष्य की चुनौतियों का भी जिक्र किया। भारतीय वायुसेना संक्रमण के दौर से गुजर रही है, यह बयान वायुसेनाप्रमुख ने किया। ‘हम ऐसे संक्रमण के दौर में वायुसेना की क्षमता की परिभाषा ही बदलेगी और एक ही समय पर कई मोर्चों पर मुहिम चलाई जाएगी। क्योंकि, आनेवाला दशक चुनौतियों से भरा होगा’, यह बयान वायुसेनाप्रमुख ने किया। फिलहाल अपने देश को और वायुसेना को सायबर हमले और ड्रोन्स के खतरों जैसी कई चुनौतियों का मुकाबला करना पड़ रहा है। लेकिन, हमेशा की तरह वायुसेना हरएक चुनौती के लिए तैयारी कर रही है और इन चुनौतियों का मुकाबला करते ही हमें विश्‍व की सबसे बेहतर वायुसेना का निर्माण करना है, यह आत्मविश्‍वास वायुसेनाप्रमुख ने व्यक्त किया।

आर.के.एस.भदौरिया

वायुसेना में हाल ही में शामिल किए गए रफायल लड़ाकू विमान, एवं चिनुक और अपाचे हेलिकॉप्टर्स की वजह से वायुसेना की ताकत में इज़ाफा होने का ऐलान वायुसेनाप्रमुख ने किया। साथ ही भारतीय रक्षाबल देशी रक्षा सामानों से सज्जित हो रही है और यह काफी बड़ी बात होने का बयान भदौरिया ने किया। ब्रह्मोस मिसाइल, रोहिणी राड़ार, तेजस विमान और आकाश मिसाइल यंत्रणा का भारतीय तकनीक से निर्माण होने की याद वायुसेनाप्रमुख ने दिलाई। तभी, कोरोना की महामारी के दौर में वायुसेना ने मज़बूती से सहायता की थी। इस दौर में भारत ने अपने पड़ोसी देशों को हर संभव सहायता प्रदान की। वायुसेना ने विदेश में फंसे अपने देश बांधवों को सुरक्षित स्वदेश लाया, यह जानकारी भी एअर चीफ मार्शल भदौरिया ने साझा की। अपने हवाई योद्धाओं का संकल्प देखें तो मौजूदा स्थिति में वायुसेना पूरी क्षमता के साथ कार्य करती रहेगी यह तय होने का विश्‍वास भी उन्होंने व्यक्त किया।

इस अवसर पर हिंड़न हवाई अड्डे पर आयोजित कार्यक्रम में वायुसेना के ५६ विमानों ने अपनी कुशलता का प्रदर्शन किया। विमानों की इस परेड़ में पहली बार शामिल हुए रफायल विमान सभी के आकर्षण का केंद्र बने। तभी स्वदेशी तेजस विमानों के कसरत, सुखोई-३०एमकेआय एवं बीते कुछ वर्षों में भारत ने आधुनिकीकरण किए मिराज-२०००, जैग्वार, मिग-२९, मिग-२१ विमान भी इस परेड़ में शामिल हुए। इसके अलावा वायुसेना के निकषों पर सफल हुए ‘एलसीएच’ रुद्र हेलिकॉप्टर का सोलो और रशियन ‘एमआय-१७’ एवं अमरिकी ‘अपाचे हेलिकॉप्टर्स’ ने एक साथ किए कसरतों ने सभी को संतुष्ट किया।

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