मनाली-लेह राजमार्ग के सबसे लंबे ‘स्टील ब्रिज’ का निर्माण कार्य पूरा

चंदिगड़ – रणनीतिक नज़रिये से काफी अहम साबित हो रहे मनाली-लेह राजमार्ग पर हिमाचल प्रदेश के सबसे लंबे ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस महीने में यह पुल यातायात के लिए खोला जाएगा। मनाली-लेह राजमार्ग पर निर्माण किए गए इस पुल को ‘बार्सी पुल’ नाम दिया गया है।

manali-lehलद्दाख के दौलत बेग ओल्डी स्थित श्‍योक नदी पर निर्माण किए गए कर्नल च्वांग रिंचन सेतु के बाद ‘बार्सी पुल’ देश का दूसरे क्रमांक का सबसे लंबा स्टील पुल है। हिमाचल प्रदेश के डारचा इलाके की भागा नदी पर ३६० मीटर लंबाई के इस पुल का निर्माण कार्य बीते १० वर्षों से जारी था। खराब मौसम के साथ अन्य समस्याओं के कारण इस पुल का निर्माण कार्य पूरा होने के लिए १० वर्ष की प्रतिक्षा करनी पड़ी, यह जानकारी ‘बीआरओ’ के सूत्रों ने साझा की।

प्रशासकीय कारणों से भी इस पुल का निर्माण कार्य कुछ समय के लिए बंद किया गया था। असल में इस पुल का निर्माण कार्य चार वर्ष पहले शुरू किया गया। बीते कुछ समय में इस पुल के निर्माण कार्य को गतिमान किया गया। इस पुल के निर्माण के लिए ‘स्टील’ का इस्तेमाल किया गया है। इसी मार्ग पर पुल के करीब १०० मीटर लंबाई के दूसरे पुल का निर्माण किया गया है और यह पुल ‘अटल टनेल’ से जुडता है। इससे पहले इस नदी पर एक छोटा पुराना पुल था। लेकिन, बारिश के दिनों में नदी का जलस्तर बढ़ने पर यातायात प्रभावित होती थी। इसी कारण यहां पर नए पुल का निर्माण करने का निर्णय किया गया था।

मनाली से लेह तक सेना की यातायात आसान करने के लिए भारत ने नया राजमार्ग निर्माण किया है। इस महामार्ग के तीसरे चरण का काम जल्द ही पूरा होगा। इस नए २८० किलोमीटर दूरी के रास्ते से लेह तक सेना का बेड़ा, हथियार एवं अन्य ज़रूरी सामान की आपूर्ति करने में आसानी होगी। इसी कारण इस पुल का निर्माण कार्य पूरा होना अहमियत रखता है।

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